प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में रैली को संबोधित करने जा रहे थे. वहां कुछ ऐसा हुआ जिसने अधिकारियों की सांसें अटका दीं. दरअसल खराब मौसम होने की वजह से पीएम की हवाई यात्रा कैंसिल हो गई. पीएम हुसैनीवाला में शहीदों के स्मारक में जाने के लिए सड़क मार्ग से निकल गए. उसी वक़्त हुसैनीवाला में दूसरी तरफ से प्रदर्शनकारी किसान अचानक आ गए. जिसके बाद पीएम का काफिला एक फ्लाई ओवर पर करीब 20 मिनट रुका रहा. जिसे पीएम की सुरक्षा में भारी चूक माना जा रहा है. हालाँकि यहां ध्यान देने की बात है कि जब भी पीएम का काफिला निकलता है तो उसे लेकर पहले से ही रूट और वैकल्पिक मार्ग तय रहते हैं. तो आज के Know this video में हम आपको पीएम के काफिले से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देंगे. साथ ही बताएंगे कि पीएम के काफिले की कैसे होती है सुरक्षा? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिये हमारे साथ.
SPG को पीएम की सुरक्षा का जिम्मा
प्रधानमंत्री की सुरक्षा देश में सबसे ज्यादा कड़ी होती है. जिसका जिम्मा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानि कि SPG पर होता है. SPG देश की सबसे पेशेवर एवं आधुनिक सुरक्षा बलों में से एक है. इसका गठन 02 जून, 1988 को हुआ था. एसपीजी 4 भागों में काम करती है. ऑपरेशन्स, ट्रेनिंग, इंटेलिजेंस एंड टूर्स और एडमिनिस्ट्रेशन. इसके साथ देश के प्रधानमंत्री की ऑफिशियल कार ‘BMW 7-Series 760 Li’ है. जी हाँ पीएम बुलेटप्रुफ, रेंज रोवर, मर्सडीज और बीएमडब्ल्यू 760एलआई (BMW 7-Series 760Li) में सफर करते हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री के काफिले में मर्सीडीज की लिमोजिन भी शामिल की गई है. Mercedes Maybach S650 (मर्सिडीज-मेबैक एस) Guard भी पीएम मोदी के काफिले का हिस्सा है. ये कार कई सुरक्षा खूबियों से लैस है. Mercedes-Maybach S650 Pullman Guard कार में वीआर 10 लेवल प्रोटेक्शन दिया गया है. जो गाड़ी को एक्सप्लोजन प्रूफ व्हीकल (ERV)बनाता है. इसकी बॉडी को विशेष धातु से बख्तरबंद बनाया गया है, जो इसे किसी अभेद्य किले की तरह बनाती है. ये कार को 2 मीटर दूर से किए गए 15 किलोग्राम टीएनटी के विस्फोट से बचाती है. साथ ही गाड़ी में गैस अटैक होने पर कार का कैबिन गैस-सेफ चैंबर में बदल जाता है. इसमें सेल्फ सीलिंग फ्यूल टैंक भी होता है, जिसमें किसी भी हालत में विस्फोट नहीं हो सकता. इसके अलावा कार में इमरजेंसी एग्जिट होती है. इसके साथ ही कार के शीशे भी बुलेट प्रूफ होते हैं.
पीएम के चारों तरफ रहते हैं एसपीजी कमांडो
सार्वजनिक कार्यक्रम में एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ रहते हैं और उनके साथ-साथ चलते हैं. किसी भी कमांडो को पीएम की सुरक्षा में तैनात करने से पहले उसके बारे में गहन छानबीन की जाती है. प्रधानमंत्री के निजी सुरक्षा गार्ड सुरक्षा घेरे की दूसरी लाइन में तैनात रहते हैं. ये भी एसपीजी के बराबर प्रशिक्षित और दक्ष होते हैं जो किसी भी अनहोनी को रोकने में सक्षम होते हैं. तीसरे सुरक्षा चक्र में नेशनल सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) होते हैं.
काफिले में चलती हैं दो डमी कार
पीएम के काफिले में उनकी ही गाड़ी जैसी दो डमी कारें भी साथ-साथ चलती हैं जिससे कि हमलावर को भ्रमित किया जा सके. पीएम के काफिले में एक जैमर से लैस गाड़ी तैनात रहती है. जिसमें दो एंटिना लगे रहते हैं. ये सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटक को डिफ्यूज करने में सक्षम होते हैं. पीएम के साथ हमेशा एक एंबुलेंस साथ चलती है. जो किसी भी आपात स्थिति में उन्हें मेडिकल सुविधा मुहैया करवाने के मकसद से साथ चलती है. जब कभी पीएम पैदल चलते है तो उनके आगे-पीछे सादे कपड़ों में एनएसजी के कमांडो साथ चलते रहते हैं.
काफिले के आगे राज्य पुलिस
पीएम के काफिले के आगे दिल्ली या संबंधित राज्य की पुलिस की गाड़ियां चलती हैं. जो रूट क्लीयर करती हैं. स्थानीय पुलिस ही एसपीजी को रास्ते पर आगे बढ़ने की सूचना देती है. इसके बाद काफिला आगे चलता है. अगर किसी भी स्थिति में पीएम का रूट बदलता है, तो एसपीजी इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस के साथ साझा करती है. अंतिम समय तक ये तय नहीं होता कि पीएम किस रूट से निकलेंगे. ये सब सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है.