हर दिन के साथ रूस यूक्रेन के बीच जारी जंग और ज्यादा मुश्किल होती जा रही है. इस हालात में ऐसे लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है जो दूसरे देशों से हैं और किसी वजह से यूक्रेन में रह रहे हैं. उनलोगों के लिए यूक्रेन से निकलकर अपने देश पहुंचना आसान नहीं है क्योंकि यूक्रेन का एयरस्पेस बंद है. यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हैं. भारत सरकार वहां फंसे छात्रों को निकालने के लिए
ऑपरेशन गंगा के नाम से एक मिशन चला रही है. यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड के रास्ते फ्लाइट भेजकर भारत वापस लाने ऑपरेशन चलाया जा रहा है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि यूक्रेन संकट के दौरान भारत का ऑपरेशन गंगा आखिर है क्या? साथ ही बताएंगे कि इससे पहले और कौन-कौन से ऐसे ही ऑपरेशन किए जा चुके हैं… बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
यूक्रेन और रूस के बीच घमासान जारी है. रूसी सैनिकों की ओर से किए जा रहे हमले में सैनिक तो मारे जा ही रहे हैं साथ ही भारी संख्या में आम नागरिक भी हताहत हुए हैं. भारत सरकार अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है.
ऑपरेशन गंगा के जरिए अब तक एयर इंडिया की फ्लाइट से 1374 भारतीय नागरिकों और छात्रों के वापस लाया जा चुका है. हालांकि अभी भी 15 हजार से ज्यादा छात्र यूक्रेन से भारत लौटने का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर छात्र काफी मुश्किल हालातों का सामना कर रहे हैं. कई छात्र यूक्रेन की सीमा तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना से बचाव अभियान में शामिल होने को कहा है.
अब आपको ऑपरेशन गंगा से पहले चलाए गए ऑपरेशन्स के बारे में आपको बताते हैं. दरअसल इससे पहले भी कई आपदाओं में विदेशी धरती पर फंसे हिंदुस्तानियों को सुरक्षित लाने के लिए कई अभियानों की शुरूआत की जा चुकी है. नेपाल में जब भूकंप आया था उस दौरान वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू किया गया था. 2015 में यमन के भीतर संघर्ष शुरू हुआ तो ‘ऑपरेशन राहत’ चलाया गया. वहीं कोविड महामारी की शुरुआत में विदेश में फंसे नागरिकों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन शुरू किया गया था. इसके अलावा हाल ही में अफगानिस्तान और तालिबान का जब गतिरोध हुआ तो कई भारतीय अफगानिस्तान में फंस गए थे. उस वक्त भी भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन चलाया गया था, जिसमें अफगानिस्तान से कई भारतीयों को भारत लाया गया और इस ऑपरेशन को ऑपरेशन देवशक्ति नाम दिया गया था.
यूक्रेन से अपनों को लाने में दूसरे देशों की तुलना में भारत सबसे ज्यादा एक्टिव है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारत ने अपनों को सुरक्षित भारत बुलाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया है लेकिन पड़ोसी देश चीन ने न तो अपने नागरिकों को निकालने के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की और न ही कोई सपोर्ट कर रहा है, अमेरिका का हाल तो ऐसा है कि उसने अपने नागरिकों को निकालने में असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं. वहीं ब्रिटेन और जर्मनी ने साफ कर दिया है कि वो अपने नागरिकों को निकालने की स्थिति में नहीं हैं. लेकिन कीव में भारतीय दूतावास अब भी काम कर रहा है जबकि ब्रिटिश दूतावास को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है और जर्मनी एंबेसी बंद हो गई है.