बिहार, विकास के पायदान पर सबसे नीचे आने वाला प्रदेश. पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट के हवाले से संसद में बताया कि बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है.. गरीबी और भुखमरी के मामले में बिहार सबसे आगे है. ऐसा नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट कहती है. लेकिन अब बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. वो ये कि बिहार में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण भंडार मिला है. इसकी जानकारी हाल में ही केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद में दी. लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस बात का पता किसी वैज्ञानिक ने नहीं बल्कि चींटियों ने लगाया था... तो आज के know this वीडियो में हम आपको बिहार के सोने के भंडार से जुड़ी हर जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे कि आखिर चींटियों ने इसका कैसे पता लगाया बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ .
सबसे पहले जानते हैं कि
सोने के भंडार का पता कैसे चला?
केंद्र सरकार ने जो जानकारी दी है इसके अनुसार बिहार में जमुई जिले के ललमटिया और करमटिया इलाके में भारत का 44 प्रतिशत स्वर्ण भंडार है. यहां सोने का सबसे बड़ा खजाना छिपा है. लेकिन सवाल है कि इस खजाने का पता कैसे चला. इस बारे में एक हैरान करने वाली कहानी सामने आई है. दरअसल यहां के लोगों का कहना है कि सोने के खजाने का पता चींटियों ने लगाया है. जी हां पहली बार चींटियों ने यहां सोने के भंडार होने का संकेत दिया था. बताया जाता है कि करीब चार दशक पहले एक बड़े बरगद के पेड़ के नीचे चरवाहे धूप से बचने के लिए जमा हुए थे. इसी दौरान चीटियां यहां खुद का घरौंदा यानी हिल (Hill) तैयार कर रही थीं. चरवाहों ने देखा कि चींटियां अपना घरौंदा बनाने के लिए चमकीले कण जमा कर रही हैं. ये हैरान करने वाली बात थी. पीले चमकीले कण कहां से आए. इस पर चर्चा शुरू हो गई. बात धीरे-धीरे फैलने लगी. इसकी भनक प्रशासन तक पहुंची. फिर पुरातत्व और खनन विभाग ने जांच की. इसके बाद ही पता चला कि इस इलाके की धरती के अंदर सोने का भंडार छिपा है.
सरकार ने की स्वर्ण भंडार होने की पुष्टि
चालीस साल पहले इस बात का पता लगने के बाद पहली बार संसद में सरकार ने भी माना कि जमुई में अकूत स्वर्ण भंडार है और देश का 44 प्रतिशत सोना करमटिया गांव में है. इसके बाद तो स्थानीय स्तर पर करमटिया को अब सोनमटिया कहा जाने लगा है. यहां 223 मिलियन टन स्वर्ण भंडार होने का सरकार का अनुमान है. ऐसे में इस बात की भी जानकारी मिली है कि बिहार के जमुई जिले के दूसरे इलाकों में भी कई तरह के खनिज अयस्क पाए जाते हैं. इसमें अभ्रक के अलावा गोमेद समेत कई कीमती पत्थर भी शामिल हैं. ऐसे में अब संभावनाएं भी दिख रही हैं कि यहां जल्द सोने का खनन शुरू हो सकता है
लोगों में खुशी की लहर
सबसे पहले 1982 से लेकर 1986 तक इस इलाके को Restricted Area घोषित कर जीएसआई की टीम यहां खुदाई करती रही है, लेकिन तब खर्च के अनुपात में सोने की धातु की availability नहीं होने की बात कही गई थी. जानकारी के मुताबिक आखिरी बार बीते साल यानी 2020 के अप्रैल महीने में जीएसआई की टीम ने जमीन की ऊपरी सतह का sample collect किया था. इसके पहले 2010-11 में जमीन में छेद कर जमुई की धरती के गर्भ में छिपे सोने के भंडार की मात्रा की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा किया गया था. उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार इस Conclusion पर पहुंची है कि जमुई में देश का 44 प्रतिशत स्वर्ण भंडार है.
आखिर में बस इतना ही कि सोने के भंडार की खोज चीटियों ने की है या नहीं ये तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन बिहार में सोने का भंडार मिलने से लोगों में जरूर बहुत खुशी है और हो भी क्यों ना ? क्योंकि जिस राज्य के इलाकों से नक्सलियों की बंदूकें बारूद उगलती थीं वहां की धरती अब सोना उगलेगी... ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है.