अगर आप कॉफ़ी पीने के शौकीन हैं तो फिर आप कैफे कॉफी डे तो जरूर गए होंगे, जी हां वही कैफे कॉफी डे या CCD जहां Classic Cappuccino, Filter Coffee और Eye-opener Espresso जैसे दूसरी कॉफी की चुस्कियां आप मजे से लेते हैं... आज know this के वीडियो में हम आपको जो बताने वाले हैं वो CCD के ब्रांड बनने की कहानी है.. कैसे CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ के सुसाइड कर लेने के बाद उनकी पत्नी मालविका ने CCD जैसी कंपनी की बड़ी जिम्मेदारी को सम्भाला..जो कई लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है बस ये सब जानने के लिए इस VIDEO के आखिर तक बने रहिये हमारे साथ..
दरअसल देश में बढ़ते कॉफी कल्चंर को देखते हुए साल 1996 में कर्नाटक के रहनेवाले वीजी सिद्धार्थ ने इसकी शुरुआत की थी. कॉफी शॉप की ये चेन अच्छीा चल पड़ी. सबकुछ सही चल रहा था, लेकिन फिर कई सारे उतार-चढ़ावों के बीच कंपनी कर्ज में डूबती चली गई. और फिर एक और बुरी खबर आई. खबर थी कि कंपनी के फाउंडर और सीईओ वीजी सिद्धार्थ ने खुदकुशी कर ली. 7000 करोड़ के कर्ज में डूबी कंपनी, पति की मौत का सदमा…ये दोनों बातें मालविका के लिए एक सदमे से कम नहीं थीं. उन्हें खुद को और कंपनी दोनों को संभालना था. सिद्धार्थ की मौत के एक साल बाद 31 दिसंबर 2020 को कंपनी के सीईओ पद की कमान मालविका हेगड़े के हाथों में आई. उन्होंने निश्चय कर लिया था कि सीसीडी के खोए हुए रुतबे को फिर से वापस लाना है. साल 2019 में कंपनी पर 6500 करोड़ रुपए का कर्ज था. इसमें कुछ कर्ज सिद्धार्थ ने खत्म किए थे. अब बाकी कर्ज चुकाने और कंपनी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी मालविका के कंधे पर थी, कर्ज किसी भी कंपनी की तरक्की में सबसे बड़ी बाधा होता है. मालविका हेगड़े की मेहनत और लगन से कंपनी पर अब 2000 करोड़ रुपए का कर्ज ही रह गया है. हाल ही में कंपनी के शेयर में 50 फीसदी का इजाफा भी दर्ज किया गया है. जिसे कंपनी के रिवाइवल के तौर पर देखा जा रहा है.
बता दें कि मालविका हेगड़े कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की बेटी हैं. उन्होंने 1991 में वीजी सिद्धार्थ के साथ शादी की. कैफे कॉफी डे की सीईओ बनने से पहले वो कई सालों तक सीडीईएल की गैर-बोर्ड सदस्य रही हैं. मालविका के परिवार में उनके दो बेटे ईशान और अमर्त्य हैं. पिछले साल 14 फरवरी को कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या संग अमर्त्य हेगड़े की शादी हुई है.
फिलहाल सीसीडी भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन चुका है. दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ समेत देश के 165 शहरों में इसके 572 कैफे हैं. वहीं कंपनी के 333 एक्सप्रेस कियोस्क (Kiosk) भी हैं, जहां लोग रेडी टू टेक आर्डर खरीदते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में 36,326 वेंडिंग मशीन के साथ सीसीडी भारत का सबसे बड़ा कॉफी सर्विंग ब्रांड है. कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी सुधर गई है और आने वाले समय में कोरोना के खत्म होने के बाद इसमें और भी ज्यादा सुधार होने का दावा किया जा रहा है.
इसी के साथ मालविका CCD का उद्योग जगत में प्रभाव फिर से कायम करने में सफल हो रही हैं, उनका लक्ष्य सारे कर्ज चुका कर सीसीडी को कई अरब डॉलर की कंपनी बनाना है. वो अपने दिवंगत पति के नक्शेकदम पर चलते हुए और उनके सपने को पूरा करते हुए कैफे कॉफी को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गयीं हैं.