अब भारतीय कार निर्माता कंपनियों को सेफ्टी रेटिंग के लिए अपनी कारों को ग्लोबल NCAP में भेजने की जरूरत नहीं होगी। देश में जल्द ही अपनी एक सेफ्टी एजेंसी होगी जो कारों का क्रैश टेस्ट करेगी। इस एजेंसी का नाम होगा भारत NCAP। ये एजेंसी देश में ही वाहनों को क्रैश टेस्ट में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर 1 से 5 स्टार रेटिंग देगी।
इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत NCAP शुरू करने के लिए GSR नोटिफिकेशन के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम यानि भारत NCAP व्यवस्था लाने जा रही है। ये एक कंज्यूमर सेंट्रिक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करेगा। इसका मतलब है जहां ग्राहकों को स्टार-रेटिंग के आधार पर सेफ्टी वाली कारों को चुनने का ऑप्शन मिलेगा। साथ ही देश में सेफ्टी व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स के बीच फेयर कॉम्पिटिशन बढ़ेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा। 'क्रैश टेस्ट के आधार पर स्टार रेटिंग दिया जाना कारों में स्ट्रक्चरल और पैसेंजर सेफ्टी तय करने के लिए ही नहीं, बल्कि इंडियन व्हीकल्स की एक्सपोर्ट-एलिजबिलिटी बढ़ाने के लिहाज से भी बहुत जरूरी है। भारत NCAP में टेस्टिंग प्रोटोकॉल ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के जैसा ही होगा। क्रैश टेस्ट में मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान में रखा जाएगा। कार निर्माता अपने वाहनों की टेस्टिंग भारत की इन-हाउस टेस्टिंग सर्विस में कर सकेंगे।
तकनीकी तौर पर NCAP टेस्ट में सबसे कम रेटिंग या स्टार लाने वाली कारें दुर्घटना के समय सुरक्षित नहीं मानी जाती हैं।। टेस्ट की गई कारों को 0 से 5 स्टार रेटिंग दी जाती है। क्रैश टेस्ट में कार को एडल्ट सेफ्टी, चाइल्ड सेफ्टी समेत कई मानकों पर परखा जाता है। टेस्टिंग के दौरान डमी का इस्तेमाल किया जाता है। क्रैश से डमी पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच की जाती है। रेटिंग में ज्यादा स्टार मिलने का मतलब होता है बेहतर सेफ्टी।
बात करें देश में सबसे अच्छी रेटिंग वाली कारों की इनमें KIA कैरेंस को 3 स्टार, महिंद्रा XUV700 को 5 स्टार, मारुति आर्टिगा को 3 स्टार, हुंडई i20 को 3 स्टार, टाटा पंच को 5 स्टार और होंडा सिटी को 4 स्टार रेटिंग मिली हुई है।