काजी सज्जाद अली जहीर पाकिस्तानी आर्मी के ऑफिसर थे. जिनकी बहादुरी के किस्से काफी मशहूर हैं. काजी सज्जाद ने अपनी जान जोखिम में डालकर बांग्लादेश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी. दरअसल 1971 में भारत और पाकिस्तान की लड़ाई से पहले पाकिस्तान के सैनिक बांग्लादेश (तब का पाकिस्तान) में भीषण उपद्रव मचा रहे थे और हजारों लोगों की हत्या कर चुके थे, उस वक्त बांग्लादेश में पाकिस्तान के खिलाफ भारी गुस्सा पनप उठा था. फिर लेफ्टिनेंट कर्नल जहीर ने भारतीय सैनिकों के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया था. एक दिन सेना के अहम दस्तावेज और मैप अपने जूते में छिपाकर वो भारत भाग आए.
भारत की सीमा में आने के बाद तलाशी में उनके पास से सिर्फ 20 रुपये और सेना के दस्तावेज मिले. पहले तो भारतीय सेना ने उनको पाकिस्तान का जासूस समझा और उन्हें पठानकोट ले जाया गया. जहां सेना के बड़े अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की. पूछताछ के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी सेना की योजना के बारे में जो बातें बताई उस पर सेना ने कार्रवाई की और वो जानकारी सटीक निकली.