जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा. हालांकि पहले चरण में ये 1334 हेक्टेयर जमीन पर ही बनेगा. वहीं फर्स्ट फेज में यहां दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे. बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे. एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे ज्यादा रनवे भी बनाए जा सकते हैं.. इस हवाई अड्डे की क्षमता फिलहाल सालाना 9 करोड़ यात्रियों की होगी, जिसके साल-2050 तक 20 करोड़ होने का अनुमान है. बता दें कि इस एयरपोर्ट से आस-पास के मेन रोड और हाईवे, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे और कई दूसरे एयरपोर्ट भी जोड़े जाएंगे. इसके अलावा हवाई अड्डे को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिससे दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जायेगा.इस एयरपोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित किया जाएगा.
जैसा हमने आपको बताया कि जेवर एयरपोर्ट दुनिया का चौथा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने जा रहा है. दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट सउदी अरब का किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जिसका क्षेत्रफल 77,600 हेक्टेयर है.
जेवर एयरपोर्ट पर खर्च की बात की जाए तो इसको बनाने में 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यहां पर एक साथ 178 फ्लाइट्स खड़ी हो सकेंगी. पहली फ्लाइट यहां से सितंबर 2024 में उड़ान भरेगी.