पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं थमती नहीं दिख रही हैं. अब तो ऐसा लगने लगा है कि वो दिन दूर नहीं जब अपनी अलग पहचान और संस्कृति के लिए भारत के साहित्य को बताने वाला पश्चिम बंगाल अपनी खूबसूरती नहीं बल्कि वहां होने वाली हिंसक घटनाओं के लिए जाना जाएगा।।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में TMC के एक पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 21 मार्च को पूरे जिले में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की जलकर मौत हो गई. वहीं इस पूरी घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं..
तो आज के know this वीडियो में हम आपको बीरभूम में हुई हिंसा से जुड़ी एक-एक बात बताएंगे साथ ही बताएंगे कि कैसे अब इस हिंसक घटना पर राजनीति शुरू हो गयी है बस आप वीडियो एक आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
हुआ कुछ यूं था कि 21 मार्च की शाम को तृणमूल कांग्रेस नेता भादु शेख जब अपने घर की तरफ जा रहे थे, तभी मोटरसाइकिल पर आए कुछ लोगों ने उन पर बम से हमला कर दिया. बम धमाके में उनकी मौत हो गई थी. भादु शेख वहां की ग्राम पंचायत में उप प्रधान थे, इसलिए इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. जैसे ही बम धमाके की खबर सामने आई वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए. लोगों ने मिलकर करीब 12 मकानों में आग लगा दी..
बीरभूम हिंसा में 6 महिलाओं और 2 बच्चों को बेरहमी से जिंदा जला कर मार दिया गया था.
वहीं हिंसा भड़कने के बाद डर का आलम ऐसा कि रामपुरहाट से लोग पलायन कर रहे हैं. बोगतुई से 50 से ज्यादा परिवार अपने घरों पर ताला लगा कर दूसरे इलाकों और शहरों में जा चुके हैं.
इस बीच घटनास्थल की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि बगतुई गांव में मकानों में आग लगाने से पहले लोगों को बुरी तरह पीटा गया था. आग लगाए जाने से 2 बच्चों समेत 8 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. ये बात भी सामने आ रही है कि वारदात के बाद घटनास्थल पर पानी डालकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी. इस मामले में अब तक 24 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
सभी आरोपी स्थानीय हैं और उनकी उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच है
पश्चिम बंगाल हाल के वर्षों में अक्सर राजनीतिक हिंसा और हत्याओं के लिए सुर्खियों में रहा है. लेकिन ये पहला मौका है जब एक साथ इतने लोगों के मारे जाने के बावजूद पुलिस, प्रशासन, टीएमसी समेत कोई भी पार्टी इसे राजनीतिक हत्या नहीं बता रही है.ये ज़रूर है कि इस घटना की आंच पर राजनीति की रोटियां सेंकने की कवायद तेज़ हो गई है.
इस घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा जहां आमने-सामने आ गए हैं. वहीं राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.भाजपा ने भी 5 सदस्यीय जांच समिति गठित की है. जो बीरभूम के बागुटी गांव जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस घटना को हिंसा की संस्कृति और जंगलराज बताया है. वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल के इस बयान को गैरजरूरी और बंगाल की छवि खराब करने वाला कहा है.
इतनी भयानक, भयावह, बर्बर और हिंसक घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गवाई उनको न्याय मिले ये देश चाहता है, लेकिन इस घटना के बाद ये सवाल हर किसी के जहन में जरूर आ रहा है कि पश्चिम बंगाल का रक्तरंजित इतिहास कब बदला जाएगा कब हम ये कह पाएंगे कि दशकों से बंगाल में जल रही हिंसा की आग अब शांत हो गयी?