भारत के दुश्मन सावधान हो जाएं क्योंकि युद्ध के मैदान में दुश्मन के खेमे में तबाही मचाने के लिए भारत की 'प्रलय' मिसाइल तैयार है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी कि DRDO ने पहली बार छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय (Pralay) का सफल परीक्षण कर लिया है. ये मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के टारगेट को बर्बाद कर सकती है. तो आज के know this video में हम आपको बताएंगे कि भारत की 'प्रलय' मिसाइल कैसे उड़ाएगी दुश्मन देशों की नींद? साथ ही आपका इस मिसाइल की हर खासियत से परिचय भी कराएंगे बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
सबसे पहले जानते हैं कि प्रलय मिसाइल की खासियत क्या है?
पृथ्वी मिसाइल प्रणाली पर बनाई गयी 'प्रलय'
150 से 500 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकने वाली प्रलय मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर किया गया. Drdo द्वारा बनाई गयी ठोस-ईंधन वाली बैटलफील्ड मिसाइल भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के पृथ्वी डिफेंस वेहिकल पर बेस्ड है. प्रलय शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. ये जमीन से जमीन पर मार करने के लिए बनाई गई है. इसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है. जिससे ये युद्धक्षेत्र में दुश्मन को नेस्तनाबूद करने में काफी काम आ सकती है. बता दें कि परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी तय मानकों को पूरा किया. साथ ही दुश्मन के ठिकाने को सटीकता से खत्म कर दिया..
'प्रलय मिसाइल' करेगी चीनी मिसाइल का सामना
दरअसल सूत्रों का कहना है कि इस मिसाइल का जिक्र डीआरडीओ ने साल 2015 में किया था. उसने अपनी इयरली रिपोर्ट में बताया था कि ये बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय है, जो चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसे जमीन के साथ-साथ कन्सटर से भी दागा जा सकता है. इस मिसाइल को इस तरह से बनाया गया है, जिससे ये दूसरी कम दूरी वाली मिसाइलों की तुलना में कहीं ज्यादा घातक है. वहीं ये अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के साथ ही उसे ध्वस्त करने की क्षमता भी रखती है.
प्रलय मिसाइल की स्पीड
प्रलय मिसाइल की स्पीड का खुलासा अभी तक नहीं किया गया है. अगर पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन के पास इस लेवल की डोंगफेंग 12 मिसाइल है. वहीं पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 जो उसे चीन से मिली है और शाहीन मिसाइल है .इनमें से गजनवी 320 किलोमीटर, एम-11 350 किलोमीटर और शाहीन 750 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि प्रलय में रात के समय में भी हमला करने की तकनीक लगाई गयी होगी. ताकि दुश्मन के ठिकानों पर रात में भी हमला करके उन्हें बर्बाद किया जा सके.इस मिसाइल में इंफ्रारेड या थर्मल स्कैनर लगा हो सकता है, जो टारगेट को अंधेरे में खोजकर उसे नष्ट कर सकता है.
आखिर में बता दें कि प्रलय मिसाइल अत्याधुनिक साजो सामान से लैस है, जो इस वक़्त भारत के लिए बहुत जरूरी भी है. हाल ही में चीन और पाकिस्तान जैसे देशों ने कई तरह की मिसाइलों का परीक्षण किया है. लेकिन यही देश भारत के मिसाइल कार्यक्रम का विरोध भी करते हैं. ऐसे में भारत के लिए अपने मिसाइल कार्यक्रम को मजबूती के साथ बढ़ाना जरूरी हो जाता है. ताकि दुश्मन के किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए खुद को तैयार रखा जा सके.