सेना में भर्ती का ख्वाब संजोए लाखों युवा केंद्र सरकार की तरफ से किसी बड़े ऐलान का इंतजार कर रहे थे। और जब सरकार ने अग्निपथ योजना लॉन्च की तो युवाओं का जोश दोगुना हो गया। क्योंकि बीते 2 साल से सेना में कोई बड़ी भर्ती नहीं हुई है। लेकिन अब इन युवाओं को लगता है कि उनका सपना सपना ही रह जाएगा। और अगर भर्ती मिली भी तो 4 साल बाद वो क्या करेंगे?
बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते 14 जून को अग्निपथ योजना लॉन्च की थी। इसके तहत साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की उम्र सीमा वाले युवाओं को 4 सालों के लिए सेना में काम करने का मौका मिलेगा। इसके बाद 25 फ़ीसदी युवाओं को रिटेन किया जाएगा। यानि 100 में से 25 सैनिकों को पूर्णकालिक सेवा का मौक़ा मिलेगा। लेकिन राजस्थान, बिहार और असम जैसे राज्यों में युवाओं के बीच इस योजना को लेकर असंतोष नज़र आ रहा है।
जयपुर में युवाओं ने केंद्र सरकार की इस स्कीम का विरोध करते हुए सड़क और हाईवे जाम कर दिया। वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर में सेना भर्ती की राह देख रहे अभ्यर्थियों ने ट्रेन रोक दी। पटना, बेगूसराय, बक्सर समेत बिहार के कई जिलों में अभ्यर्थियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किए। विरोध करने वाले एक युवा का कहना है कि दो साल पहले मेडिकल और फिजिकल टेस्ट क्वालिफाई कर चुके हैं। लेकिन रिटेन एग्जाम नहीं करवाया जा रहा। दो-तीन बार एडमिट कार्ड जारी हो चुका है। और अब एग्जाम रद्द करके चार साल बहाली वाली स्कीम लाई गई है।पेंशन वगैरह सब बंद कर दी है, जबकि एक नेता तीन-तीन पेंशन लेता है’। विरोध कर रहे युवाओं की मांग है कि अग्निपथ योजना को वापस लिया जाना चाहिए। उनका कहना है कि इस योजना से देश सेवा का जज्बा पाले युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। इस तरह संविदा के आधार पर भर्ती की जाएगी तो इससे देश की रक्षा से भी खिलवाड़ होगा।
इस योजना ने कई चिंताएं पैदा कर दी हैं। अव्वल तो इससे समाज के 'सैन्यीकरण' का ख़तरा है। यानि जब एक बड़ी संख्या में हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित किए गए युवा नौकरी की अवधि पूरी होने पर वापस लौटेंगे तब क़ानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। अभी तक एक फ़िट जवान की ड्यूटी 10 से 15 साल के लिए होती है।दूसरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि इस योजना की वजह से भारतीय सेना में 'नौसिखिए' जवानों की संख्या बढ़ जाएगी, जो दुश्मन देशों की तरफ से मिलने वाली चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएंगे। अभी तक प्रशिक्षण की अवधि एक साल की है। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को युद्ध के मोर्चे पर भी तैनात किया जा सकता है और उनकी भूमिका किसी अन्य सैनिक से अलग नहीं होगी। तीसरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि इस योजना के कारण सशस्त्र बलों की सदियों पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है।
अग्निपथ योजना की ख़ास बातें: भर्ती होने की उम्र 17।5 साल से 21 साल के बीच होनी चाहिए। शैक्षणिक योग्यता 10वीं या 12वीं पास । भर्ती चार सालों के लिए होगी । पहले साल की सैलरी प्रति महीने 30 हज़ार रुपये होगी । चौथे साल 40 हज़ार रुपये प्रति महीने मिलेंगे । चार साल बाद सेवाकाल में प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन होगा और 25 प्रतिशत लोगों को नियमित किया जाएगा।