पति पत्नी का रिश्ता काफी निजी और संवेदनशील होता है. लेकिन केयरिंग और शेयरिंग के बीच कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. मसलन क्या पति को ये अधिकार है कि वो पत्नी के फोन कॉल को रिकॉर्ड करे. अक्सर हक और अधिकार के दायरे में ये मामूली बात लग सकती है लेकिन कानूनन ऐसा करना गलत है. जी हां पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसला दिया है जिसमें कहा गया है कि पत्नी की जानकारी के बिना उसके फोन कॉल रिकॉर्ड करना उसकी प्राइवेसी का उल्लंघन है. बता दें कि
हाईकोर्ट ने ये फैसला एक तलाक के मुकदमे में सुनवाई के दौरान दिया. तो आज के KNOW THIS वीडियो में हम आपको हाई कोर्ट के आदेश की पूरी जानकारी देंगे साथ ही बताएंगे कि क्या पत्नी अपने पति का फोन कॉल रिकॉर्ड कर सकती है? कोर्ट ने इसे निजता का उल्लंघन क्यों कहा? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
सबसे पहले आपको बताते हैं कि
पूरा मामला क्या है?
दरअसल, ये पूरा मामला तलाक से जुड़ा हुआ है, इस मामले में याचिकाकर्ता महिला के पति ने 2017 में बठिंडा फैमिली कोर्ट में कई बेसेस पर तलाक मांगते हुए एक याचिका दायर की थी..पति ने पत्नी के साथ टेलिफोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर पेश करने की मांग की और फेमिली कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी. फोन कॉल की रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर पेश करने के फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ पत्नी हाईकोर्ट चली गईं. उन्होंने फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी और अब फैसला उनके पक्ष में आया.. बता दें इस दंपति की शादी 20 फरवरी 2009 को हुई थी और मई 2011 में उन्हें एक बेटी हुई थी..
पति ने क्यों पेश किए थे पत्नी के कॉल रिकॉर्ड?
कॉल रिकॉर्ड को सबूत के तौर पर पेश करने पर पति का तर्क था कि इससे वो पत्नी द्वारा उसके साथ की गई क्रूरता के आरोपों को साबित कर सकेगा. और ऐसा होने पर उसके लिए कोर्ट से तलाक लेना आसान होगा. बता दें कि बठिंडा फैमिली कोर्ट ने पति को उसके और उसकी पत्नी के बीच रिकॉर्ड की गई बातचीत से जुड़ी CD पेश करने की अनुमति दी थी.
कॉल रिकॉर्डिंग को पत्नी ने क्यों दी चुनौती?
इधर पत्नी ने पत्नी ने कॉल रिकॉर्ड को सबूत मानने के फैमिली कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी.याचिकाकर्ता पत्नी का तर्क था कि बातचीत के टेप वाली CD संविधान के आर्टिकल-21 के तहत उसे मिले राइट टु प्राइवेसी का उल्लंघन है. इसके बाद जस्टिस अरुण मोंगा ने अपने आदेश में कहा कि पत्नी की जानकारी के बिना पति द्वारा उसकी बात को रिकॉर्ड करना निश्चित तौर पर निजता का हनन है..कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका में कहा गया है कि रिकॉर्डिंग सबूत के जरिए क्रूरता का आरोप साबित हो जाएगा, लेकिन फिर भी बातचीत की सीडी को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता है. क्योंकि ये राइट टु प्राइवेसी का उल्लंघन है.
क्या पत्नी पति का फोन कॉल रिकॉर्ड कर सकती है ?
बता दें कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद ये सवाल उठाना तो स्वाभाविक है कि क्या पत्नी पति की जानकारी के बगैर उसका फोन कॉल रिकॉर्ड कर सकती है? तो इसका जवाब जानने के लिए सुनते हैं tv9 भारतवर्ष digital के लीगल एक्सपर्ट अशोक बागरिया का क्या कहना है?
बाइट...
यानी साफ तौर पर जाहिर है कि अगर पति अपनी पत्नी की फोन कॉल को उसकी जानकारी के बिना रिकॉर्ड नहीं कर सकता तो पत्नी भी पति की जानकारी और इजाजत के बिना उसका फोन कॉल चुपके से रिकॉर्ड नहीं कर सकती है..ऐसा करना पति और पत्नी दोनों के लिए समान तौर पर निजता का हनन है..