महज 8 साल पुरानी आम आदमी पार्टी ने अपनी दूसरी कोशिश में ही पंजाब में भारी बहुमत से जीत हासिल कर ली है और अब वो नेशनल पार्टी बनने की ओर बढ़ चली है. बता दें फिलहाल देश में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं लेकिन इनमें से महज 7 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है. किसी भी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए कुछ शर्तें होती हैं, कुछ नियम होते हैं. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि किसी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता कब मिलती है. इसके अलावा जानेंगे कि कुल कितनी तरह की पर्टी होती है... किन शर्तों को पूरा करने पर कोई पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनती है... राष्ट्रीय पार्टी बनने के क्या फायदें हैं... आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं. जो भी पार्टी कोई शर्त पूरा कर लेती है, उसे राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता दे दी जाती है. इसमें तीन मुख्य शर्तों के बारे में आपको बताते हैं. पहली शर्त है कि कोई राजनीतिक दल तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में 2 फीसदी सीटें जीते. दूसरी शर्त: कोई पार्टी चार या इससे ज्यादा राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखती हो. तीसरी शर्त: कोई राजनीतिक दल चार लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा में 6 फीसदी वोट हासिल करे या फिर विधानसभा चुनावों में चार या इससे ज्यादा राज्यों में कुल 6 फीसदी या ज्यादा वोट शेयर जुटाए.
आइए अब जानते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के क्या फायदे हैं. अगर कोई राजनीतिक दल, राष्ट्रीय पार्टी बन जाता है तो इसके कई फायदे होते हैं. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद अखिल भारतीय स्तर पर एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है. नोमिनेशन फाइल करने के लिए उम्मीदवारों के प्रस्तावकों की संख्या बढ़ सकती है. साथ ही नेशनल मीडिया पर फ्री एयरटाइम मिल जाता है. इससे पार्टी को पहुंच बढ़ाने में आसानी मिलती है.
बता दें हमारे देश में कुछ तीन तरह की पार्टियां हैं. पहली राष्ट्रीय पार्टी, दूसरी राज्य स्तरीय पार्टी और तीसरी क्षेत्रीय पार्टी. देश में 7 राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा राज्य स्तर के 35 राजनीतिक दल जबकि 350 से ज्यादा क्षेत्रीय दल मौजूद हैं. देश की सात राष्ट्रीय पार्टियों में बीजेपी यानी भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, BSP यानी बहुजन समाज पार्टी, भाकपा यानी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माकपा यानी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, NCP यानी नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी और TMC यानी तृणमूल कांग्रेस शामिल है.
आम आदमी पार्टी फिलहाल दिल्ली और पंजाब में क्षेत्रीय दल है. अब उसको प्रादेशिक पार्टी बनने के लिए जरूरी है विधानसभा चुनाव में छह फीसदी वोट और दो सीटें. गोवा में इस बार यह संभव हो गया है. आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इनमें से एक भी राज्य में भा पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा तो राष्ट्रीय पार्टी के रूप में यह अन्य कई पार्टियों को पछाड़ देगी.