भारत-रूस के बीच क्या डील हुई?
भारत ने रूस के साथ पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 खरीदने के लिए 35000 करोड़ रूपए में सौदा किया था. इस सौदे के तहत, भारतीय वायुसेना को 400 किमी के हवाई रेंज से निपटने के लिए पांच स्क्वाड्रान मिलेंगे. जिसमें आठ लॉन्चर हैं और हर लॉन्चर में दो मिसाइले लगी हैं. जमीन से हवा में मार करने वाली इस प्रणाली के मिलने से भारत की मारक क्षमता और मजबूत हो जाएगी. इससे पहले भारत ने अब तक रूस से मारने वाले हथियार ही खरीदे हैं. ऐसा पहली बार होगा जब भारत रूस से S-400 डिफेंस सिस्टम खरीद रहा है. आपको बता दें अगले महीने भारत दौरे पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आने की संभावना है.
एस-400 मिसाइल सिस्टम के बारे में बताने से पहले आपको ये बताते हैं कि एयर डिफेंस सिस्टम काम क्या करता है?
क्या काम करता है एयर डिफेंस सिस्टम ?
एयर डिफेंस सिस्टम का काम देश में होने वाले किसी भी संभावित हवाई हमले का पता लगाना और उसे रोकना होता है. ये तमाम तरह के रेडार और सेटेलाइट की मदद से जानकारी जुटाता है. इस जानकारी के आधार पर ही ये बता सकता है कि दुश्मन देश के लड़ाकू विमान कहां से और कब हमला कर सकते हैं. इसके अलावा ये एंटी-मिसाइल दागकर दुश्मन विमानों और मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर सकता है.
अब S-400 एंटी डिफेंस मिसाइल सिस्टम क्या है, चलिए आपको बताते हैं
क्या है S-400 मिसाइल सिस्टम ?
S-400 सुपसोनिक एयर डिफेंस सिस्टम में सुपरसोनिक और हाइपर सोनिक मिसाइलें लगी होती हैं जो लक्ष्य को भेदने में माहिर होती हैं. S-400 की गिनती दुनिया के एडवांस एंटी एयरक्राफ्ट हथियारों में होती है. ये सुपरसोनिक एयर डिफेंस सिस्टम 400 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, ड्रोनों या फिर छुपे हुए विमानों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर सकता है.
S-400 के लॉंचर से दुश्मन के विमान या फिर मिसाइल पर तीन सेंकड में दो मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं. इन मिसाइलों की स्पीड 5 किलोमीटर प्रति सेंकड की होती है जो कि 35 किलोमीटर की ऊंचाई तक वार कर सकती हैं.