ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण क्या है?
अफ्रीका में पाए गए इस नए वेरिएंट के लक्षणों की बात करें तो ज्यादातर मरीज असिंप्टेमेटिक यानि बिना लक्षण वाले ही पाए जाते हैं. इसके अलावा फिलहाल इस वेरिएंट का कोई नया लक्षण नहीं पाया गया है. साउथ अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेबल डिसीसेस के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट की ही तरह B.1.1.529 वेरिएंट से संक्रमण होने पर मांसपेशियों में दर्द, थकान महसूस होना, गले में दर्द, सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द होता है.
चलिए अब बात करते हैं कि इस नए वेरिएंट का सामना किन किन सावधानियों के साथ किया जा सकता है
नए वेरिएंट से बचाव के तरीके क्या है?
इस वैरिएंट को लेकर फिलहाल रिसर्च की जा रही है और इसके लक्षण और रोकथाम को लेकर स्टडी की जा रही है. लेकिन कुछ सावधानियों को ध्यान में रखते हुए इस वेरिएंट से बचा जा सकता है
नए वैरिएंट से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करें
मास्क पहनें, सैनिटाइजर का यूज करें और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें
अगर आपने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई है तो एहतियात के तौर पर तुरंत वैक्सीन लें
भारत के लिए खतरे की घंटी कैसे?
वैसे को अब तक इस नए वेरिएंट का कोई मामला भारत में सामने नहीं आया है. लेकिन दक्षिण अफ्रीका से कर्नाटक आए दो लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से चिंता जरूर बढ़ गई है. ऐसे वक्त में अब दक्षिण अफ्रीका से मुंबई उतरे एक यात्री में भी कोरोना का संक्रमण पाया गया है. फिलहाल कोरोना संक्रमित लोगों के सैंपल्स अब जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं.
क्या ये भारत में लाएगा तीसरी लहर?
एक्सपर्ट्स की मानें तो इस नए वेरिएंट की आर नॉट वैल्यू करीब 35 है. आपको बता दें एक वायरस के फैलने की क्षमता कितनी है, इस बात का अंदाजा उसके आर नॉट वैल्यू को देखकर लगाया जा सकता है. यानि की ये वेरिएंट एक समय पर एक साथ 35 लोगों को संक्रमित कर सकता है. इसके अलावा डेल्टा वेरिएंट को दुनिया के सभी देशों में जितना फैलने के लिए 100 दिनों का वक्त लगा था, उतना ये नया वैरिएंट सिर्फ 15 दिनों में फैल गया है. यानि इस नए वैरिएंट से जितना डरने की जरूरत दुनिया के बाकी देशों को हैं, उतना भारत को भी है