रैपिड ट्रेन में सफर करने की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी है क्योंकि अब उनका रैपिड ट्रेन में सफर करने का इंतजार ख़त्म होने वाला है. जी हां दिल्ली-मेरठ रूट पर चलाई जाने वाली देश की पहली रैपिड ट्रेन भारत सरकार को सौंप दी गई है. माना जा रहा है, 2025 तक आरआरटीएस ट्रेन का काम पूरा हो जाएगा. ये ट्रेन दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ के बीच 180 किमी / घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी।।तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे देश की पहली रैपिड ट्रेन आखिर होगी कैसी? साथ ही बताएंगे कि ये मेट्रो से किस तरह से अलग होगी।। बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले बता दें कि इस पूरे कॉरिडोर में दो डिपो सहित 24 स्टेशन होंगे. इसमें मोदीपुरम, मेरठ नॉर्थ ,दरौली मेट्रो, एमईएस कॉलोनी, बेगमपुल, भैंसाली, मेरठ सेंट्रल, ब्रह्मपुरी, शताब्दी नगर, रिठानी, मेरठ साउथ, परतापुर, मोदीनगर नार्थ, मोदीनगर साउथ, मुरादनगर डिपो, मुरादनगर, दुहाई डिपो, गुलधर, गाजियाबाद, साहिबाबाद, आनंद विहार, न्यू अशोक नगर, सराय काले खां स्टेशन हैं.ये ट्रेन 180 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. इस ट्रेन में लोगों को वाइफाइ की सुविधा दी गई है. हर सीट पर इनफोटेनमेंट डिस्प्ले और लैपटॉप चॉर्जिग का सेटअप होगा. एक कोच महिला यात्रियों के लिए रिजर्व होगा. बता दें कि रैपिड ट्रेन के डिब्बे गुजरात की अल्स्टोम कंपनी ने तैयार किए हैं. 7 मई को ट्रेन का पहला सेट NCRTC को सौंप दिया गया था. बता दें कि 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. इस प्रोजेक्ट का कुल बजट 30,274 करोड़ रुपए है.
बता दें कि इस ट्रेन में सफर करने के लिए आपको QR कोड वाला टिकट लेना होगा. टिकट यात्रा से पहले NCRTC मोबाइल एप और इसकी वेबसाइट से जनरेट करना होगा. QR कोड स्कैन होने के बाद ही ट्रेन में एंट्री होगी. वहीं रैपिड ट्रेन क चलने से दिल्ली मेरठ रूट पर रोज चलने वाले 1 लाख वाहनों का दबाव कम हो जाएगा. ट्रेन हर साल वायुमंडल से 60 हजार टन पीएम 2.5 कण कम करेगी. साथ कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा.
आखिर में ये रैपिड रेल हाई स्पीड एयरोडायनेमिक रेल है. इसका आगे का हिस्सा लंबी नाक की तरह होता है, जिससे हवा में तेजी से चलाया जा सके. रैपिड रेल को आकर्षक आधुनिक डिजाइन के साथ बनाया गया है. इसमें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम है जिससे बिजली पैदा होगी.