कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, उत्तरप्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है. इसका रनवे प्रदेश के सभी हवाई अड्डों के रनवे से बड़ा है, ये 3.2 किमी लंबा और 45 मीटर चौड़ा है. इसके रनवे की क्षमता 8 फ्लाइट प्रति घंटा है और इसकी पीक ऑवर पैसेंजर क्षमता 300 यात्री प्रति घंटे है. इतना ही नहीं, इस एयरपोर्ट पर ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे यहां दिन के साथ-साथ रात में भी आसानी से उड़ान भरी जा सके. इस एयरपोर्ट की अंतरिम पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 3600 वर्गमीटर में बनी है. 589 एकड़ में फैला ये एअरपोर्ट 260 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के क्या फायदे होंगे?
कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है. भगवान गौतम बुद्ध का यहां महापरिनिर्वाण हुआ था. ये एयरपोर्ट घरेलू और अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर जाने की सुविधा देगा. आपको जानकार हैरानी होगी कि पिछले 5 सालों में 18 प्रमुख बौद्ध देशों से 42 लाख से ज्यादा पर्यटक कुशीनगर आए. माना जा रहा है कि, एयरपोर्ट बन जाने से अब इनकी संख्या में और तेजी से बढ़ोत्तरी होगी. कुशीनगर बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु है. इस सर्किट में लुंबिनी, सारनाथ और गया शामिल हैं. अब एयरपोर्ट के बन जाने से पर्यटक कम समय में इन स्थलों का सफ़र भी कर सकेंगे.