इंडिया के स्टार कपल विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने नॉनवेज छोड़ दिया है और पिछले कुछ समय से वो किसी भी डाइट में मांसाहारी खाने को शामिल नहीं कर रहे हैं.. उन्होंने ये भी कहा कि वैसे तो वो एनिमल लवर्स हैं लेकिन उन्होंने ये फैसला सिर्फ इसलिए नहीं लिया बल्कि इसलिए भी लिया ताकि इससे प्रकृति को कम नुकसान पहुंचे..दरअसल क्रिकेटर विराट कोहली और एक्ट्रे स अनुष्का शर्मा ने प्लांट से मीट तैयार करने वाले मुंबई बेस्ड स्टार्टअप ब्लू ट्राइब में निवेश किया है. जिसमें दोनों कंपनी के निवेशक के साथ-साथ ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर भी शामिल हुए हैं.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर ये प्लांट से तैयार मीट होता क्या है? ये एनिमल मीट से कितना अलग होता है. ये सेहत के लिए कितना फायदेमंद है और क्या ये टेस्ट में वाकई एनिमल मीट जैसा होता है? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ...
सबसे पहले ये समझते हैं कि प्लांट मीट होता है. प्लांट मीट को पौधों से तैयार किया जाता है. लेकिन इसका टेस्ट एनिमल मीट की तरह ही होता है. इसे एनिमल मीट का सब्सिट्यूट माना जा सकता है. सबसे अच्छी बात ये है कि प्लांट मीट के जरिए मीट का टेस्ट भी मिल जाता है और इसके लिए किसी जानवर को मारने की जरूरत भी नहीं पड़ती है.
इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्लांट मीट पौधों से निकाली गई कई चीजों से तैयार किया जाता है. जैसे- प्रोटीन, ग्लूटेन, नारियल का तेल, मसाले, सोया, चुकंदर का जूस, चावल. इससे तैयार मीट को बहुत बड़े स्तर पर नहीं बनाया जाता. कम मात्रा में तैयार किया जाता है और सप्लाई किया जाता है.
प्लांट मीट नॉर्मल मीट से ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इनमें उन सभी तत्वों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं. इसे एक्सपर्ट्स की खास देखरेख में तैयार किया जाता है, जिस वजह से इसमें हेल्थ का खास ख्याल रखा जाता है.. इसमें फैट कम होता है और फाइबर और प्रोटीन पर्याप्त् होता है. जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. फायबर पेट के लिए अच्छा होता है. इसका स्वाद भी एनिमल मीट की तरह होता है.
प्लांट मीट की तरह एक और मीट होता है लैब मीट. प्लांट मीट और लैब मीट में अंतर होता है. प्लांट मीट जहां पौधों से ली गई चीजों से तैयार किया जाता है. वहीं लैब में तैयार मीट जानवरों की कुछ कोशिकाओं से बनाया जाता है. इसे तैयार करने में भी प्रोटीन, स्वाद और उसी तरह की रंगत का ध्यान रखा जाता है.
हालांकि प्लांट मीट को ज्यादा मात्रा में नहीं लेने की सलाह दी जाती है ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें नारियल तेल का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें फैट होता है. एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि अगर एनिमल मीट और प्लां ट मीट की तुलना करें तो प्लां ट मीट ज्यादा हेल्दी विकल्प है. इसलिए इसे खा सकते हैं,लेकिन एक तय मात्रा में ही लें. केवल इसे ही अपने प्रोटीन का सोर्स न बनाएं.
प्लांट मीट को बनाने वाली मुंबई की ब्लू ट्राइब' कंपनी की बात करें जिसमें विराट और अनुष्का ने इन्वेस्ट किया है तो इसकी स्थापना 2019 में एल्केम लैब्स के एमडी संदीप सिंह ने की थी और इसे गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया के सहयोग से डेवेलप किया गया था...कंपनी मांस के स्वाद और खपत को देखते हुए पौधे से बना कीमा, सॉसेज और मोमोज तैयार करती है. ये पहला ब्रांड है, जिसने लोगों को उनकी जीवनशैली में बदलाव लाने की अपील करते हुए धरती को बचाने, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए प्लांट बेस्ड मीट को अपनाए जाने के विचार-विमर्श के साथ शुरुआत की थी.