देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच अब 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. खबर है कि बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए अलग से सेंटर बनाए जा सकते हैं. आज इस वीडियो में हम आपको बच्चों के वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे. बच्चों को कौन सी वैक्सीन लगेगी... क्या वैक्सीन उनके लिए सेफ है... क्या इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं... इस पर सरकार की क्या गाइडलाइंस हैं...
क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ?
कोविन पोर्टल पर मौजूदा अकाउंट से या फिर मोबाइल नंबर से एक नया अकाउंट बनाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है यानि बच्चे अपने माता-पिता के मौजूदा कोविन अकाउंट का इस्तेमाल करके भी स्लॉट बुक कर सकते हैं. ये स्लॉट 1 जनवरी से बुक किए जा सकते हैं. आधार या कोई अन्य पहचान पत्र ना होने पर बच्चे अपने student ID card का इस्तेमाल कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि उन बच्चों को प्राथमिकता से टीका लगवाना चाहिए जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. government vaccination centres पर वैक्सीन पूरी तरह फ्री मिलेगी, वहीं private hospitals या centres पर इसके लिए फीस चार्ज की जाएगी.
बच्चों को कौन सी वैक्सीन लगेगी?
राज्यं सरकारों को केंद्र की तरफ से मिले निर्देश में कहा गया है कि बच्चोंप को सिर्फ कोवैक्सीन की डोज ही दी जाए. ऐसा इसलिए है, क्योंोकि कोवैक्सी न ही ऐसी वैक्सीसन है, जिसे बच्चोंि के लिए आपात इस्ते माल की मंजूरी दी गई है.
कितनी सुरक्षित है वैक्सीन ?
US regulators ने फाइजर वैक्सीन को छोटे बच्चों के लिए authorize किया है क्योंकि वहां 12 से 17 साल के लाखों बच्चों को पहले ही सुरक्षित रूप से वैक्सीन शॉट दिया जा चुका है. इसके अलावा नवंबर से 5 से 11 साल के 50 लाख से ज्यादा बच्चों ने पहली खुराक ले ली है और सरकारी सुरक्षा निगरानी में कोई समस्या सामने नहीं आई है.
वैक्सीन के क्या साइड इफेक्ट हैं ?
कई लोगों ने टीकाकरण के बाद हल्का बुखार, सिरदर्द, और इंजेक्शन लेने वाली जगह पर दर्द या सूजन जैसी परेशानियों का सामना किया. US FDA की स्टडी के मुताबिक 12 से 15 साल के बच्चों में वयस्कों की तुलना में बुखार के मामले थोड़े ज्यादा दिखाई दिए. हालांकि ज्यादातर बच्चों ने वयस्कों में देखे गए साइड इफेक्ट्स की ही सूचना दी.
WHO की क्या राय है?
WHO का मानना है कि बच्चों और किशोरों का वैक्सीनेशन कई सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है. स्कूल में attendance बच्चों की well-being और अर्थव्यवस्था में माता-पिता की भागीदारी के लिए जरूरी है. स्कूल के बच्चों का टीकाकरण स्कूल में संक्रमण की संख्या को कम करेगा... साथ ही संक्रमण के चलते स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या को भी कम करेगा.