हम आए दिन सरकार की नई योजनाओं के बारे में सुनते हैं और योजनाओं के साथ ही अनाउंस किया जाता उनमें होने वाला खर्च. जनता के फायदे के लिए इन योजनाओं में हजारों करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सरकार जो इतना पैसा खर्च करती है, इनका हिसाब कौन रखता है? आज इस वीडियो में हम आपको बताएंगे सरकारी खजाने से जुड़ी कुछ जरूरी बातें. सरकारी पैसों में कुछ गड़बड़ी हो जाए तो क्या होगा? इसकी जांच कब और कैसे होती है? और इस पूरी लेन देन की जिम्मेदारी किसकी होती है...इन तमाम सवालों के जवाब के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ
सरकारी पैसे का हिसाब कौन रखता है?
सरकार के खर्च का हिसाब रखने की जिम्मेदारी होती है CAG की यानि Comptroller and Auditor General. फिलहाल भारत के CAG है G. C. Murmu. CAG को सरकार की आमदनी और खर्च पर नजर रखने के लिए बनाया गया है. संविधान सभा में भीमराव अंबेडकर ने इस पद की Importance बताते हुए कहा था कि भारत का CAG संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी है. आइए अब जानते की CAG की क्या-क्या Responsibilities होती है.
CAG की क्या जिम्मेदारी ?
CAG का मेन रोल सेंटर और स्टेट के सभी सरकारी विभागों और दफ्तरों के अकाउंट्स का ऑडिट करना और चेक करना है. CAG सरकार की खुद की कंपनियों या उसकी तरफ से फाइनैंस होने वाली कंपनियों के खातों की भी जांच करता है. सेंटर और स्टेट गवर्नमेंट के अंदर लगभग 1,500 पब्लिक कमर्शियल कंपनियां और लगभग 400 नॉन कमर्शियल ऑटोनॉमस बॉडीज और अथॉरिटीज आती हैं. ये 4,400 अथॉरिटीज और बॉडीज भी CAG के अंडर ही आती हैं. इसके अलावा CAG राष्ट्रपति को तीन ऑडिट रिपोर्ट सौंपता है- appropriation accounts, financial accounts और public undertakings. वो ध्यान रखता है कि किया गया खर्च जनहित में है या नहीं. सरकारी खजाने में जो पैसा खर्च हो रहा है वो सही जगह खर्च हो, जिनको लाभ मिलना चाहिए उन्हें वो लाभ मिल रहा है या नहीं... CAG इस सभी चाजों की बारीकी से जांच करता है.
CAG कैसे काम करता है?
CAG ऑडिट को दो पार्ट में बांटा गया है- पहला रेग्युलेरिटी ऑडिट और दूसरा परफॉर्मेंस ऑडिट. रेग्युलेरिटी ऑडिट में फाइनैंशल स्टेटमेंट का ऐनालिसिस किया जाता है और देखा जाता है कि उसमें सभी नियम-कानून का पालन किया गया है नहीं. वहीं परफॉर्मेंस ऑडिट में चेक किया जाता है कि क्या सरकारी प्रोग्राम शुरू करने का जो मकसद था, वह कम से कम खर्च में सही तरीके से पूरा हो पाया है या नहीं.
कैसे होती है सरकार की इनकम और खर्चा?
सरकार की आय के कई source होते हैं. इसमें सबसे जरूरी है टैक्स. इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स, इनकम टैक्स, goods and services tax, central excise, Custom duty, उधार और अन्य देयताएं, कैपिटल इनकम और Non-Tax Revenue सरकार की आय के source हैं. वहीं खर्च की बात करें तो केंद्रीय योजनाएं, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, वेतन-पेंशन, आर्थिक सहायता आदि में सरकार खर्च करती है.
क्या स्वतंत्र है CAG?
भारत के संविधान के मुताबिक CAG एक इंडिपेडेंट बॉडी है जो सरकार के प्रभाव क्षेत्र से बाहर है. CAG को भारत के प्रसिडेंट द्वारा Appoint किया जाता है. इनका कार्यकाल 6 साल या 65 साल की उम्र तक होता है. बता दें CAG को सिर्फ राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है वो भी संविधान में दर्ज प्रक्रिया के अनुसार ही. इसकी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाने के जैसी ही होती है.