ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को वाराणसी कोर्ट को सौंप दी. ये 6 और 7 मई को ज्ञानवापी में किए गए सर्वे की रिपोर्ट है. जिसमें हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक और अवशेष मिलने के सबूत मिलने की बात कही गयी है.. हालांकि बाद में कोर्ट कमिश्नर पद से अजय मिश्रा को हटा दिया गया था..
बता दें कि सर्वे रिपोर्ट में अजय मिश्रा ने दावा किया है कि ज्ञानवापी परिसर में उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा मिला जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति बनी हुई थीं. इसके अलावा उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए बीच के सिलावट पर शेषनाग की कलाकृति और नागफनी जैसी आकृतियां भी देखी गई हैं.
अब आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं कि अजय मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में क्या दावे किये हैं? रिपोर्ट में शेषनाग बने एक शिलापट का जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद के उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए दीवार के बीच में ये शिलापट बना है जिसमें शेषनाग की आकृति है. इसके अलावा कई जगह देवी देवताओं की आकृतियां मिली हैं. कुछ शिलापट पर कमल की आकृति देखने को मिली. ज्ञानवापी के उत्तर से पश्चिम की दीवार के कोने पर अवशेष मिला है. यहीं पर गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नया निर्माण देखने को मिला. शिलापट पर सिंदूरी रंग की चार मूर्तियां भी देखने को मिली. चौथी मूर्ति पर सिंदूर का मोटा लेप चढ़ा दिखा. इसके आगे के हिस्से में त्रिकोणीय ताखा मिला. अंदर के हिस्से में मिट्टी और देवी देवताओं की आकृति बना एक अन्य शिलापट भी है जो कि जमीन पर लंबे समय से पड़े प्रतीत हुए. पहली नजर में ये किसी भवन के खंडित अंश दिखाई देते हैं. ज्ञानवापी के पीछे की पश्चिमी दीवार की कलाकृतियों से मेल खाते दिखीं शिलापट की आकृतियां.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि कोर्ट को दो पन्नों की रिपोर्ट सौंपी गई है. जिसमें परिसर में हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक के अवशेष मिलने के सबूत मिले हैं. हालांकि उनका कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं किया गया. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष से भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है. इस रिपोर्ट में मस्जिद के अंदर और बाहर बेहतर सर्वे करनी की बात पर जोर दिया गया है. बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 मई को मुस्लिमों की नारेबाजी से काम जल्द खत्म करना पड़ा था.
गौरतलब है कि 6-7 मई को अजय मिश्रा ने अकेले ही सर्वे किया था, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पेश कर दिया है. अजय मिश्रा ने जो रिपोर्ट पेश की है वह ज्ञानवापी के बाहरी हिस्से की है, क्योंकि उसके बाद कोर्ट कमिश्नर को भीतर नहीं घुसने दिया गया था. इसके बाद मामला फिर कोर्ट पहुंचा था और जज रवि कुमार दिवाकर ने विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को अजय मिश्रा के साथ सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर अटैच करते हुए 17 मई तक रिपोर्ट देने को कहा था. हालांकि 17 मई को हुई सुनवाई में कमिश्नर विशाल सिंह की शिकायत पर अजय मिश्रा को हटा दिया गया था.
वहीं ताजा अपडेट है कि वाराणसी कोर्ट में सर्वे रिपेार्ट पेश करने के बाद कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने बताया कि उनकी ओर से इस मामले में रिपोर्ट सौंप दी गई है। कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं जिन पर सुनवाई होनी है। ज्ञानवापी मस्जिद पर सर्वे रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने बताया कि हमने सीलबंद लिफाफे में वीडियो चिप भी दाखिल की है। कोर्ट के समक्ष सब कुछ पेश किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में आज जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उनके साथी वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन की तबीयत ठीक नहीं है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से कल इस मामले की सुनवाई की अपील की। इस पर न्यायालय ने शुक्रवार की दोपहर 3 बजे सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी।