हाल ही में पेश हुए आम बजट में देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ई-पासपोर्ट को शुरू करने का ऐलान किया, जिसमें एक चिप लगी होगी. ये टेक्नोलॉजी 2022-23 में शुरू हो जाएगी. ई-पासपोर्ट के जरिए अब विदेश जाने का तरीका भी बदल जाएगा..इस ऐलान के साथ ही देशभर में इसको लेकर उत्सुकता भी बढ़ गई है.. लोग इस बात को जानकारी चाह रहे हैं कि आखिर ये ई-पासपोर्ट होता क्या है? तो आज के know this वीडियो में हम आपको ई-पासपोर्ट से जुड़े सारे सवालों के जवाब देंगे साथ ही बताएंगे कि इसका कैसे लोगों को फायदा मिलेगा? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ...
क्या है ई-पासपोर्ट ?
ई-पासपोर्ट में स्मार्ट कार्ड Technology है, जिसके सामने और पीछे के कवर मोटे हो सकते हैं. इसके बैक कवर में छोटी सी सिलिकॉन चिप हो सकती है. ये चिप पोस्टल स्टांप से भी छोटी होगी और इसमें एक आयताकार एंटीना लगा होगा. चिप में 64 किलोबाइट्स की मेमोरी स्पेस होगी. चिप में passport holder का फोटोग्राफ और फिंगरप्रिंट्स स्टोर होगा. चिप में 30 विजिट्स और international trips की जानकारी स्टोर करने की क्षमता होगी. सरकार के मुताबिक ई-पासपोर्ट में आवेदकों की जानकारी को चिप में सुरक्षित किया जाएगा, जिसे बदला नहीं जा सकता है. खास बात ये है कि अगर चिप के साथ छेड़छाड़ होती है तो ई-पासपोर्ट काम करना बंद कर देगा. माना जा रहा है कि ई-पासपोर्ट आधार की तरह ही काम करेगा.
ई-पासपोर्ट कैसे काम करता है ?
जैसा कि हमने बताया कि ई-पासपोर्ट होल्डर की पूरी डीटेल्स चिप के अंदर डिजिटल रूप से मौजूद होंगी, जिसे पासपोर्ट बुकलेट में शामिल किया जाएगा.. इसी से व्यक्ति की पहचान होगी...जिन देशों में ई-पासपोर्ट चलन में है. वहां व्यक्ति का पासपोर्ट अधिकारी द्वारा नहीं ऑटोमैटिक मशीनों के द्वारा चेक किया जाता है. पासपोर्ट धारक जब इमिग्रेशन के गेट पर पहुंचता है तो वहां लगी मशीन और कैमरा पासपोर्ट पर लगी चिप को स्कैन कर लेता है. चिप पर सारी जानकारियां होती जिसे सिस्टम चेक कर गेट को खोल देता है और यात्री अपनी यात्रा के लिये आगे बढ़ सकता है. ये पूरा process automation मोड में होता है.. और इसमें समय भी काफी कम लगता है.
वहीं इसके फायदों की बात करें तो यात्रियों के अनुभवों के मुताबिक ई-पासपोर्ट से काफी समय बचता है और लोगों को अपने सफर पर आगे निकलने में देर नहीं होती क्योंकि सारा काम मशीनों द्वारा किया जाता है. इसके साथ ही ई-पासपोर्ट की मदद से धोखाधड़ी रोकने में भी काफी मदद मिलती है क्योंकि इसमें बायोमैट्रिक जानकारियों का इस्तेमाल होता है.जिसके साथ धोखाधड़ी संभव नहीं है. वहीं नये पासपोर्ट को जारी करने के काम में भी तेजी आती है.
बता दें कि सबसे पहले ई-पासपोर्ट का कॉन्सेप्ट मलेशिया में लागू किया गया था. साल 1998 में इसे लॉन्च किया गया था. अब अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और जर्मनी जैसे लगभग सौ से ज्यादा देशों में ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है.
ई पासपोर्ट को बनवाने में लगने वाले वक़्त की बात करें तो इसे बनवाने का प्रोसेस तेज होगा. जैसे अभी पासपोर्ट बनवाने में 15 से 20 दिन का समय लगता है लेकिन ये अप्लाई करने के बाद सिर्फ 7 दिन में बनकर तैयार होगा.. पासपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया अपनी तरफ से जरूरी इंक्वायरी करने के बाद पासपोर्ट जारी कर देगी. नया पासपोर्ट जारी होने के बाद आपका पुराना पासपोर्ट अपने आप कैंसल कर दिया जाएगा.