क्या होता है फेसबुक प्रोटेक्ट?
फेसबुक प्रोटेक्ट फीचर उन यूजर्स को हाई लेवल सिक्योरिटी देगा जिनके अकाउंट्स पर कभी भी साइबर हमला हो सकता है. इन यूजर्स में ज्यादातर पत्रकार, मानवाधिकार रक्षक और कार्यकर्ता शामिल हैं. इसके अलावा इसमें सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे. यानि फेसबुक प्रोटेक्ट उन लोगों के लिए एक सिक्योरिटी प्रोग्राम है जो हैकर्स या दूसरे खतरों के निशाने पर हो सकते हैं. इस फीचर के शुरू होने पर यूजर्स के लिए ये जरूरी हो जाएगा कि वो Two-factor authentication को ऑन कर लें. इसे पहली बार अमेरिका में 2018 में टेस्ट किया गया था और यूएस 2020 के चुनावों के दौरान इसका बड़े स्तर पर विस्तार किया गया था.
कैसे काम करेगा फेसबुक प्रोटेक्ट?
फेसबुक के हैड ऑफ सिक्योरिटी नथानिएल ग्लीचर के मुताबिक जो यूजर्स हाई रिस्क वाले ग्रुप्स में आते हैं उन्हें जल्द ही कंपनी से एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. जिसमें उन्हें ये फीचर चालू करने के लिए कहा जाएगा. इस पूरे प्रोग्राम का उद्देश्य होगा 2FA जैसे स्टेप्स के साथ अकाउंट्स को साइबर हमले से बचाना और यूजर्स के अकाउंट की निगरानी करना. 2FA के बाद जब आप अपना अकाउंट लॉग-इन करेंगे तो आपको SMS या फिर थर्ड पार्टी ऐप के माध्यम से OTP की जरूरत होगी.
नथानिएल ग्लीचर की मानें तो फेसबुक प्रोटेक्ट एक अकाउंट के लिए सिर्फ 2FA को ऑन करने से कहीं ज्यादा है. फेसबुक प्रोटेक्ट को लेकर उन्होंने कहा कि 'ये ज्यादा एक ऑटोमेटिड सिक्योरिटी है जो हम अकाउंट की सुरक्षा के लिए बैकएंड पर करते हैं. ये एक्सट्रा डिटेक्शन मैकेनिज्म है जिसे हमारे सिस्टम और हमारी टीम चलाती है. इस प्रोग्राम के तहत आने वाले सभी अकाउंट्स को हमारे सिस्टम के अंदर फ्लैग किया जाता है ताकि हमारे इन्वेस्टिगेटर इसे देख सकें.'
क्या वाकई में 2FA साइबर हमलों से बचा सकता है?
नथानिएल ग्लीचर के मुताबिक फेसबुक यूज करने वाले लोगों में सिर्फ 4 प्रतिशत यूजर्स ही ऐसे हैं जिन्होंने 2FA ऑन किया हुआ है. आपको बता दें 2FA ऑन करने के बाद आप जब किसी नए डिवाइस से अकाउंट लॉग-इन करने की कोशिश करते हैं तो आपको एसएमएस के जरिए या फिर थर्ड पार्टी ऐप के माध्यम से OTP की जरूरत होती है.
सिक्योरिटी के लिहाज से 2FA न सिर्फ आई रिस्क वाले अकाउंट्स के लिए काफी हेल्पफुल है बल्कि ये कई मायनों में आपके अकाउंट को सिक्योर करता है. क्योंकि नए डिवाइस पर अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए ओटीपी की जरूरत होती है इसलिए अगर कोई हैकर किसी तरह आपके पासवर्ड तक पहुंच भी जाता है तो वो तब तक लॉग इन नहीं कर पाएगा जब तक उसे वन टाइम पासवर्ड या कोड नहीं मिल जाता.
नथानिएल ग्लीचर ने ये भी खुलासा किया कि अब तक 1.5 मिलियन से ज्यादा हाई रिस्क वाले फेसबुक अकाउंट इस सुविधा का फायदा उठा रहे हैं. उनमें से लगभग 9,50,000 अकाउंट्स को 2FA के लिए एनरॉल किया गया है.