भारतीय मौसम विभाग ने इस साल कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई है. और इसका जिम्मेदार ला नीना को ही माना है. बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही कहा था कि भारत में सामान्य से ज्यादा मौसमी बारिश और कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है और तभी ला नीना की स्थिति बनेगी. पिछली बार की बात करें तो ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक बनी थी और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी और सर्दियां भी जल्दी शुरू हो गई थीं, साथ ही साथ कड़ाके की सर्दी भी पड़ी थी.
इस बार ला नीना एक्टिव है जिसका असर भारत में शीत लहर के रूप में होगा और भारत में कडकडाती ठण्ड पड़ेगी. दरअसल सर्दी के मौसम में हवाएं उत्तर पूर्व के भूभाग की ओर से बहती है. जिन्हें उच्च वायुमंडल में दक्षिण पश्चिमी जेट का साथ मिलता है. लेकिन जब अल नीना एक्टिव होता है तो ये इन हवाओं को दक्षिण की ओर धकेल देती है. इससे ज्यादा western disturbance होते हैं जिससे उत्तर पश्चिम भारत में बारिश और बर्फबारी होती है.ला नीना एक स्पेनिश वर्ड है, जिसका मतलब होता है छोटी बच्ची.