80- 90 के दशक में भारत में डिस्को म्यूजिक को फेमस बनाने वाले singer-composer बप्पी लाहिरी का निधन हो गया. उन्होंने 69 साल की उम्र में मुंबई के क्रिटीकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली. क्रिटीकेयर अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नमजोशी ने बताया कि लाहिरी करीब एक महीने से अस्पताल में एडमिट थे और उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी, लेकिन उनकी सेहत मंगलवार को बिगड़ गई. उनके परिवार ने एक डॉक्टर को घर बुलाया. उन्हें अस्पताल लाया गया. उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें थी. देर रात ओएसए यानी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के कारण उनकी मौत हो गई. तो आज के KNOW THIS वीडियो में हम आपको बताएँगे कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया होता क्या है और इसके लक्षण क्या हैं? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ...
क्या होता है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम?
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम या OSA नींद पूरी न होने के कारण होने वाली एक बीमारी है. इसमें नींद के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट होती है. इस वजह से न सिर्फ वजन बढ़ जाता है बल्कि ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल भी घट जाता है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया एक क्लीनिकल डिसऑर्डर है, जिसमें आमतौर पर जोर से खर्राटों के साथ नींद के दौरान बार-बार सांस रुकने की परेशानी आती है. इस तरह सांस का रुकना शरीर में कुछ पलों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई को बंद कर देता है और कार्बन डाई ऑक्साइड के बाहर निकलने को रोक देता है. जिसका परिणाम ये होता है कि व्यक्ति थोड़े समय के लिए जागता है, उसके सांस लेने की प्रक्रिया दोबारा शुरू होती है.
WHO के अनुसार ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम रात के दौरान कई बार हो सकता है, जिसके चलते अच्छी नींद लेना नामुमकिन हो जाता है यानी कि व्यक्ति को अच्छी नींद की दिक्कत आती है. वहीं दिन के दौरान व्यक्ति को ज्यादा नींद आ सकती है. साथ ही इस बीमारी का सामना कर रहे व्यक्ति को ध्यान लगाने में भी मुश्किल होती है.
कैसे होती है बीमारी की पहचान?
WHO का ऐसा कहना है कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया की पहचान पोलीसोम्नोग्राफी के जरिए होती है. इसमें नींद के दौरान शरीर की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है. साथ ही इसमें पल्स ऑक्सिमेट्री भी शामिल है, जो किसी भी समय पर खून में ऑक्सीजन की मात्रा को मापती है. WHO के मुताबिक, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया अपने आप में जानलेवा नहीं है, लेकिन यह कार्डीवैस्क्युलर और सेरेब्रोवास्कुलर रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.बता दें कि 'डेंटल स्लीप मेडिसिन' पर हुए एक सम्मेलन के मुताबिक भारत में करीब 40 लाख लोग, खासकर बुजुर्ग और मोटे लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम से पीड़ित हैं.
आखिर में इतना ही कि भारतीय सिनेमा को डिस्को म्यूजिक देने वाले बप्पी दा अब हमारे बीच नहीं रहे..वो एकमात्र सिंगर और कंपोजर थे जिन्होंने भारतीय सिनेमा की डिस्को म्यूजिक से पहचान कराई और उसे पॉपुलर किया। बप्पी दा ने कई फिल्मी साउंडट्रैक बनाए, जिनमें 'वारदात', 'डिस्को डांसर', 'नमक हलाल', 'डांस डांस' और 'कमांडो' शामिल है.. बप्पी दा ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था. 2014 में उन्होंने बीजेपी जॉइन की. बप्पी दा को श्रीरामपुर सीट से 2014 के चुनावों में मैदान में उतारा गया था, पर वो चुनाव हार गए.