सरकार के मुताबिक, इस योजना के तहत हर जिले में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा..इस योजना के तहत सरकार 5 सालों के दौरान 64,180 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके साथ इसमें वर्ल्ड क्लास सुविधाओं को भी विकसित किए जाने की योजना है. योजना में Indian Council of Medical Research यानि ICMR और National Centre for Disease Control यानि NCDC की 15 BSL III लैबोरेटरीज को बनाने का प्लान है. BSL मतलब बायो सेफ्टी लेवल- यानि ऐसे labs जहाँ बेहद खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया पर काम होता है. ऐसे labs में बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है.
इसके साथ ही इस योजना में नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल की पांच लोकल ब्रांचों और 20 मेट्रोपोलियन यूनिट्स को भी विकसित किया जाएगा. पीएमओ ने कहा, कि सभी public health laboratories को एक साथ health information portal के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल होंगे.
भारत को लंबे समय से ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली की जरुरत थी. ऐसा इसलिए क्योंकि लोकनीति-सीएसडीएस ने 2019 में एक रिसर्च की थी जिसमें ये बताया गया था कि जो लोग मुख्यधारा से अलग थलग पड़े हैं यानि जिन्हें सामान्य सुविधाएँ भी ठीक तरह से नहीं मिल पा रही हैं उन तक सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँचाना बेहद मुश्किल है..