पार्टी... ये शब्द सुनकर आपके दिमाग में क्या ख्याल आता है? जाहिर है डांस, गाना, ढेर सारा खाना, ड्रिंक्स और ढेर सारी मस्ती. आप यही सोच रहे हैं ना... लेकिन अगर इन्हीं पार्टियों के साथ रेव शब्द को जोड़ दिया जाए तो ये अय्याशी का अड्डा कहलाती हैं. मुंबई की क्रूज पार्टी से बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी ने
रेव पार्टियों की चर्चा को फिर आम कर दिया है. लेकिन रेव पार्टी होती क्या है? क्या ड्रग्स पार्टी को ही रेव पार्टी कहते हैं? इन पार्टी में कौन से ड्रग्स इस्तेमाल होते हैं? रेव पार्टी में एंट्री कैसे मिलती है और इसका इतिहास क्या है? KNOW THIS के इस वीडियो में आपको रेव पार्टी से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जाएगा. आप बस बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले आपको बताते हैं कि
रेव पार्टी क्या होती है?
बीट के साथ शरीर में थिरकन पैदा करता म्यूजिक, धीमे-धीमे रगों में घुलता नशा और अय्याशी की पूरी आजादी... ऐसा ही कुछ होता है रेव पार्टी का नजारा. लंदन में ऐसी जोशीली पार्टियों को 'रेव' कहा जाता था. रेव पार्टी का मतलब है जोश और मौज मस्ती से भरी महफिल. इन पार्टियों में गैरकानूनी ड्रग्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है. बेहद गुपचुप तरीके से होने वाली इन पार्टियों में रईसजादों और बड़ी बड़ी हस्तियों का मजमा लगता है. जहां तेज म्यूजिक के बीच अमीरजादे पूरी रात नाचते और नशा करते हैं. इन पार्टियों में पैसा पानी की तरह बहाया जाता है. नशीले पदार्थ बेचने वाले पेडलर्स के लिए ये पार्टियां किसी लॉटरी से कम नहीं होती.
लेकिन क्या किसी भी आम पार्टी की तरह इन पार्टियों में भी जाना आसान होता है? क्या कोई आम आदमी भी इस पार्टी का हिस्सा बन सकता है? जवाब है: बिल्कुल नहीं.
कैसे मिलती है रेव पार्टी में एंट्री?
रेव पार्टियां बड़े गुपचुप तरीके से आयोजित की जाती हैं और जिन्हें इनवाइट किया जाता है वो पार्टी के बारे में 'सर्किट' के बाहर किसी को कोई भनक नहीं लगने देते. सर्किट का मतलब है वो लोग जो पार्टी से जुड़े होते हैं. जैसे कि ड्रग्स पेडलर्स और वो लोग जिन्हें पार्टी में बुलाया जाता है. वैसे रेव पार्टियों में शामिल होना हर किसी के बस की बात भी नहीं होती. इन पार्टियों में शामिल होने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है. इनकी एंट्री फीस हजारों में होती है. जो कुछ गिनी-चुनी पार्टियों में लाखों तक पहुंच सकती है. अब इंटरनेट के चलते इन पार्टियों को ऑर्गनाइज कराना और भी आसान हो गया है. इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के जरिए इनमें कॉन्टैक्ट और एंट्री मिल जाती है. इस तरह की पार्टियों में सिर्फ लड़के नहीं बल्कि बड़ी संख्या में लड़कियां भी शामिल होती हैं.