देश का मस्तक कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर विकास के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है... साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट में भी नई ऊंचाईयों को छू रहा है... फिर चाहे वो जम्मू से श्रीनगर के बीच रेलवे लाइन का निर्माण हो या ऑलवेदर हाइवे का कंस्ट्रक्शन.. जम्मू से श्रीनगर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश जारी हैं... इसी कड़ी में पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को बनिहाल-काजीगुंड टनल का वर्चुअली उद्घाटन कर विकास का एक और अध्याय जोड़ दिया... तो आज के KNOW THIS वीडियो में आपको बताएंगे कि बनिहाल-काजीगुंड टनल बन जाने से टूरिस्टों को कितनी मुश्किलें आसान हो जाएंगी, साथ ही आपको बताएंगे जम्मू-कश्मीर के पर्यटन व्यवसाय पर इसका क्या असर पड़ेगा... तो आखिर तक इस वीडियो में बने रहिए हमारे साथ...
जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे एक मात्र रास्ता है जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है.. लेकिन खराब मौसम और लैंडस्लाइड की वजह सर्दियों के महीनों में ये बंद हो जाता है...इस टनल के बन जाने से जम्मू से श्रीनगर के बीच की दूरी 16 किलोमीटर कम हो गई... साथ ही सफर में भी डेढ़ घंटे कम लगेंगे...जिसकी वजह से ईंधन और समय दोनों की बचत होगी... कश्मीर आने वाले पर्यटक अभी तक जवाहर सुरंग के जरिए कश्मीर पहुंचते थे... लेकिन लैंडस्लाइड और सर्दियों में भारी बर्फबारी की वजह से ये टनल हफ्तों बंद रहती थी.. जिसकी वजह से टूरिस्ट सर्दियों के मौसम में श्रीनगर नहीं जा पाते थे.. लेकिन बनिहाल-काजीगुंड टनल बन जाने से टूरिस्ट को किसी भी मौसम में आने-जाने में आसानी होगी.. बताया जा रहा है कि इस टनल की ऊंचाई जवाहर सुरंग से 400 मीटर कम है जिसकी वजह से इसपर बर्फबारी और लैंडस्लाइड का खतरा बहुत ही कम होगा...
हिमालय की पीरपंजाल रेंज में बनी इस टनल की लंबाई करीब 8.5 किलोमीटर है... समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 5 हजार 800 फीट है.. बता दें कि इस टनल को बनाने में 2 हजार 27 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं... 2011 में इस टनल को बनाने की मंजूरी मिली और 2014 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ.. यानि कुल 8 सालों के अंदर ये टनल बनकर तैयार हो गई...
टनल की खासियत की बात करें तो हम आपको बता दें कि... ये जम्मू-कश्मीर की पहली 4 लेन टनल है, जिसमें आने-जाने के लिए 2 अलग-अलग टनल हैं... साथ ही किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए इंटर कनेक्टेड क्रॉस पैसेज बनाए गए हैं... टनल की सुरक्षा और वेंटिलेशन के लिए हाईटेक मॉनटरिंग और कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है.. जिससे टनल की 24 घंटे निगरानी की जाती है.. इस टनल के बन जाने से कश्मीर के किसानों को अपना उत्पाद पहुंचाने में काफी आसानी होगी..साथ ही उनको फसल के सही दाम भी मिल सकेगा.. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.. साथ ही पर्यटकों के आने से पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा.. एक मायने में घाटी की अर्थव्यवस्था के लिए ये सुरंग गेम-चेंजर का काम करेगी. सुरंग का एक छोर काजीगुंड में और दूसरा बनिहाल में खुलता है. इससे स्थानीय लोगों को भी वाहनों से आवाजाही में समय और पैसे की बचत होगी.. कुल मिलाकर ये टनल जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए गेमचेंजर साबित होगी.