PM मोदी ने वैक्सीनेशन के अगले चरण का जिक्र करते हुए बताया कि अब देश में सभी फ्रंट लाइन कोरोना योद्धाओं को प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी. इसके अलावा 60 साल से ज्यादा के उम्र के कोमोरबिडिटी वाले मरीजों को भी प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी. PM ने बताया कि प्रीकॉशन डोज लगाने की प्रक्रिया 10 जनवरी से शुरू होगी. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको प्री-कॉशन डोज लगवाने के पूरे प्रोसेस के बारे में बताएंगे. वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
प्रीकॉशन डोज के लिए क्या जरूरी?
केंद्र सरकार ने बताया है कि प्रीकॉशन डोज तभी दी जाएगी, जब बुजुर्ग के पास कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट होगा. यानि वैक्सीन की डोज लेने के इच्छुक बुजुर्गों को पहले एक मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा. इस सर्टिफिकेट में इस बात की पुष्टि होगी कि वो किसी गंभीर बीमारी होने की वजह से कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं. तो रजिस्टर्ड डॉक्टर से कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट बनवाना जरूरी है.
क्या है वैक्सीनेशन की प्रक्रिया?
ये प्रोसेस काफी हद तक पहले की तरह ही है. जिन्हें प्रीकॉशन डोज लगवानी है उन बुजुर्गों की डिटेल पहले से ही कोविन प्लेटफॉर्म पर मौजूद होगी क्योंकि उन्हें पहली दो डोज लग चुकी है. कोविन प्लेटफॉर्म पर अपना कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट अपलोड करें या सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी वैक्सीनेशन सेंटर पर जमा भी करवा सकते हैं. इसके बाद उन्हें तीसरी डोज लगाई जाएगी. डोज लगने के बाद हर किसी को बूस्टर डोज सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.
कॉमोर्बिटिज लिस्ट में कौन सी बीमारी शामिल?
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के CEO डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि सरकार पहले ही कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट की डिटेल वैक्सीनेशन कैंपेन के दौरान जारी कर चुकी है. उन्होंने बताया कि सरकार की कॉमोर्बिटिज लिस्ट में 22 बीमारियां शामिल हैं. इसमें डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, स्टेमसेल ट्रांसप्लांट, कैंसर, सिरोसिस, सिकल सेल डिजीज, प्रोलॉन्गड यूज ऑफ स्टेरॉयडस, इम्यूनोसप्रैसेंट immunosuppressant ड्रग्स, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक, हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग, मूकबधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसएबेलिटिज और गंभीर रेसपिरेटरी डिजीज शामिल है.
बता दें 10 जनवरी से ही फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी प्री-कॉशन डोज और 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके और कोविड के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका भी जल्द ही भारत में शुरू होगा. पीएम मोदी ने क्रिसमस और नए साल की तैयारियों के बीच देशवासियों से अफवाहों से बचने और कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से सतर्क रहने की गुजारिश की.