पीएम मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया.इन ही कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल नवंबर से आंदोलन कर रहे थे. ऐसे में आपके मन में ये सवाल तो जरूर उठ रहे होंगे कि क्या पीएम के ऐलान भर से तीनों कानून निरस्त हो गये? तो बता दें कि ऐसा नहीं है क्योंकि किसी भी कानून को निरस्त करने के एक constitutional process होता है. जिसके बाद कानून निरस्त होते हैं. तो आज के KNOW THIS video में हम आपको कृषि कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया बताएंगे साथ ही कृषि कानूनों से जुड़ी हर वो जानकारी देंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिये हमारे साथ...
सबसे पहले जानते हैं कि
कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया क्या है?
बता दें कि किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी, जिस तरह से कोई नया कानून बनाया जाता है.. यानि कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए भी सरकार को संसद के दोनों सदनों में बिल पेश करना होगा. संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा. बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा. राष्ट्रपति उस पर अपनी मुहर लगाएंगे.राष्ट्रपति की मुहर के बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी और इसके बाद कृषि कानून रद्द हो जाएंगे..