क्या आप जानते हैं कि अगर एक छोटा मच्छर सा मच्छर काट ले तो उसका काटना कभी-कभी लो ब्लड शुगर, डेंग्यू, किडनी के फेल होने अथवा हार्ट अटैक, एनीमिया जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बन जाता है. जिसकी वजह से मरीज की जान भी जा सकती है. इसी घातकता और संक्रमण को देखते हुए इस पर रोकथाम, इलाज एवं इसके प्रति आम लोगों को जागरुक करने के लिए विश्व भर में 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाया जाता है. भारत में हज़ारों लोग हर साल मच्छरों से होने वाली बीमारियों का शिकार होते हैं, जिनमें से एक मलेरिया भी है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि मलेरिया दिवस का इतिहास क्या है ये क्यों मनाया जाता है साथ ही बताएंगे कि इसकी थीम क्या रखी गयी है बस आप वीडियो ेख आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है. मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती हैं, जो मलेरिया का कारण बनता है.हालांकि, इस बीमारी का बचाव और इलाज दोनों संभव है. दुनिया के कई देश लगातार इस पर काम कर रहे हैं. साल 2000 से 2014 के बीच, दुनिया भर में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में 40% की गिरावट आई है. जिसका मतलब है कि लाखों लोगों की जान बचाते हुए मलेरिया के खिलाफ ऐतिहासिक प्रगति हो रही है..
हर साल की तरह इस साल भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक थीम जारी की गयी है. विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम-“मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें” इस वर्ष का विश्व मलेरिया दिवस वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित करेगा.
विश्व मलेरिया दिवस के इतिहास की बात करें तो इसका विचार अफ्रीका मलेरिया दिवस से विकसित किया गया था. अफ्रीका मलेरिया दिवस मूल रूप से एक ऐसी घटना है जिसे 2001 से अफ्रीकी सरकारों द्वारा मनाया जा रहा है, जिसे पहली बार 2008 में आयोजित किया गया था। 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया गया कि अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए।
इसके लक्षणों की बात करें तो मेलरिया के लक्षण मादा मच्छरों के काटने के छह से आठ दिन बाद शुरू हो सकते हैं. इसमें ठंड लगकर बुखार का आना और बुखार के ठीक होने पर पसीने का आना. थकान, सिरदर्द मांसपेशियों के दर्द, पेट की परेशानी, उल्टियां होना,बेहोशी आना, एनीमिया, आदि लक्षण हो सकते हैं.
मलेरिया से बाचव का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरदानी में सोना और घर के आसपास जमा पानी से छुटकारा पाना. इसके अलावा रुके हुए पानी में स्थानीय नगर निगम कर्मियों या मलेरिया विभाग द्वारा दवाएं छिड़कवाएं।।
बता दें कि अगर मरीज में ऊपर लिखे लक्षण सामने आ रहे हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें और उचित दवाएं शुरू करें. बच्चों और प्रेग्नेंट लेडीज के मामलों में ज्यादा सावधानी की जरूरत होती है.