महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट फिलहाल सुलझता नहीं दिख रहा है. हालात बड़े तेजी से बदल रहे हैं. एक तरफ शिवसेना के बागी नेताओं का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है तो वहीं उद्धव ठाकरे भी हार मानने को तैयार नहीं हैं. शिवसेना के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है. संजय राउत का कहना है कि अब बागी विधायकों का टाइम खत्म हो गया है अब मुंबई आकर वो चुनौती स्वीकार करें. ऐसे में सवाल है कि अब महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात किस ओर जा रहे हैं. तो आज के नो दिस वीडियो में हम आपको बताएंगे की महाराष्ट्र में क्या राजनीतिक स्थितियां बनने वाली हैं और वहां का सियासी भविष्य क्या होने वाला है.
क्या है शिवसेना के विधायकों की स्थिति?
शिवसेना के बागी गुट के पास 42 विधायकों का समर्थन दिख रहा है. कल शिवसेना की मीटिंग में 13 विधायक ही पहुंचे थे जबकि शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं. यानी 42 विधायक बागी गुट के साथ हैं. अगर शिवसेना में फूट होती है तो बागी गुट के पास कम से कम 37 विधायकों का समर्थन चाहिए. ऐसे में साफ है कि अब बागी गुट पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा.
शिवसेना पर दावा ठोक सकते हैं एकनाथ शिंदे
37 से ज्यादा विधायकों के समर्थन की वजह से अब एकनाथ शिंदे खुद को विधायक दल का नेता घोषित कर सकते हैं. वो विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को अपने गुट को असली शिवसेना घोषित करने की मांग कर सकते हैं.
सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं शिंदे
एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. ऐसे में राज्यपाल उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दे सकते हैं. लेकिन अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो गेंद डिप्टी स्पीकर के पाले में चली जाएगी जो एनसीपी के हैं. ऐसे में शिंदे को दल बदल कानून में फंसाया जा सकता है.
कोर्ट के पास जा सकता है मामला
फ्लोर टेस्ट या सरकार बनाने की कोशिश विधानसभा में उलझ सकती है. ऐसे में शिंदे या बीजेपी अदालत का रुख कर सकते हैं. जानकार बताते हैं कि ऐसे मामलों में आमतौर पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट निश्चित शर्तों के साथ निश्चित समय में फ्लोर टेस्ट करने के निर्देश देती है. अभी यही संभावना सबसे ज्यादा मजबूत है.
बीजेपी खुद सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है
एक संभावना ये भी है कि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस बागी विधायकों के समर्थन से राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. इस मामले में राज्यपाल फ्लोर टेस्ट का आदेश दे सकते हैं. उद्धव ठाकरे के पास सरकार बचाने के लिए पर्याप्त संख्या में विधायक नहीं है. ऐसे में वो विश्वासमत खो सकते हैं और शिंदे के बागी विधायकों के साथ मिलकर बीजेपी सरकार बना सकती है.
उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे सकते हैं
हालांकि संजय राउत लगातार कह रहे हैं कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देंगे. लेकिन अगर उद्धव ठाकरे इस्तीफा दे देते हैं तो शिंदे और बीजेपी की राह आसान हो जाएगी. ऐसे में राज्यपाल नई सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को न्योता दे सकते हैं. बीजेपी शिंदे खेमे के साथ मिलकर सरकार बना सकती है.
एक संभावना ये भी है कि अब शिवसेना के बागी गुट के पास सांसदों का भी समर्थन है तो हो सकता है कि वो चुनाव आयोग के पास जाकर शिवसेना के सिंबल पर दावा कर दें. राजनीतिक हालात जो इशारा दे रहे हैं उसमें उद्धव सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं.
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