केंद्र सरकार भारत में private cryptocurrency को बैन करने की तैयारी में हैं. इसको लेकर 29 November से शुरू हो रहे संसद के विंटर सत्र में बिल पेश किया जाएगा. खबर सामने आते ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 फीसदी या उससे ज्यादा की गिरावट देखी गई. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको इस बिल से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगे. साथ ही आपको बताएंगे कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है... ये कैसे काम करती है.... इसे कैसे खरीदा बेचा जा सकता है... बने रहिए हमारे साथ.
बिल में क्या हो सकता है?
खबरों के मुताबिक डिजिटल करेंसी बिल 2021 की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी ऑफिशियल डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क प्रोवाइड किया जाएगा. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि ये बिल प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन करेगा. साथ ही बिल क्रिप्टोकरेंसी की टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के मकसद से कुछ exceptions को भी अनुमति देगा. बता दें इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसदीय पैनल की अहम बैठक हुई थी. उस बैठक में इस बात पर सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक रेग्युलेटरी मेकैनिज़्म होना जरूरी है.
आइए अब जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है. लैटिन भाषा में cryptography का मतलब होता है छुपा हुआ. वहीं करेंसी भी लैटिन के currentia शब्द से आया है. क्रिप्टोकरेंसी के जानकारों कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का डिजिटल पैसा है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं. यानी ये मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. ये किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. इसका लेनदेन सिर्फ ऑनलाइन ही होता है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका न तो कोई रेगुलेटर है और न ही कोई कंट्रोलर. यानी कि रुपया, डॉलर और यूरो जैसी करेंसी की तरह कोई सरकार इसे रेगुलेट नहीं करती.
कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी?
पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसीज जैसे कि एथेरियम लिटक्वॉइन, डॉगक्वॉइन, फेयरक्वॉइन और बिटक्वॉइन की पॉपुलैरिटी काफी बढ़ी है. इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है. आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी है जिसे क्रिप्टोग्राफी के जरिए सिक्योर यानी कि सुरक्षित किया जाता है. सभी ट्रांजैक्शन पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होते हैं और इसके कोड को कॉपी करना लगभग नामुमकिन होता है.
क्रिप्टोकरेंसी को कैसे खरीद या बेच सकते हैं?
इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए आज के वक़्त में दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी के कई सारे एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. इसकी ख़ास बात ये है कि स्टॉक एक्सचेंज से अलग इन प्लेटफॉर्म पर 24 घंटे कारोबार किया जाता है. इसमें रकम आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में क्वॉइनस्विच कुबेर और क्वॉइन्डिसिएक्स जैसे कई प्लेटफार्म हैं जिनसे आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं.