बात चाहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की हो या फिर अवैध निर्माण और अतिक्रमण की... हर जगह बस एक ही नाम सुनाई दिया वो है बुलडोजर।। जी हां वो ही बुलडोजर जो लगातार अवैध निर्माण और अतिक्रमण को जमीदोंज कर रहा है वो बुलडोजर जो यूपी विधानसभा चुनाव में ऐसा छाया कि सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा का नया नाम तक दे दिया गया..
असल में बात कुछ ऐसी है कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने बुलडोजर राजनीति की नींव रखी है या यूं कहें कि इसे इजात किया है. आरोपियों को सजा देने के लिए उनकी प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जाता है. अवैध निर्माण पर भी बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है.हाल के दिनों की बात करें तो नूपुर के बयान पर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद भी उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ने अपना काम कर ही दिया है..अब चूंकि राजनीति भी लाजमी है तो ऐसे में इसे राजनीति के लिहाज से सख्त फैसला माना जा रहा है, जिसे कुछ लोग सही बता रहे हैं तो कुछ गलत? तो आज के KNOW THIS वीडियो में हम आपको बताने वाले हैं कि बुलडोजर कार्रवाई सही है या गलत? हम आपको ये बताने वाले हैं कि बुलडोजर चलाने के नियम क्या होते हैं? ऐसी कौन-कौन सी जगहें हैं जहां बुलडोजर कार्रवाई की जा सकती है बस आप बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि बुलडोजर संबंधी कार्रवाई अवैध संपत्तियों पर ही होती है. मूल रूप से इसके दो कारण सामने आते हैं. पहला ये कि संपत्ति सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई हो.दूसरा ये कि कोई अपराधी फरार हो या सरेंडर ना कर रहा हो, तब उसकी संपत्ति पर कुर्की का आदेश दिया जाता है. बता दें कि पहली स्थिति में जब किसी व्यक्ति ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके संपत्ति बनाई हो तब उसे ध्वस्त करने से पहले नोटिस भेजा जाता है. जिस दिन बुलडोजर चलाया जाता है उस दिन उस जगह के आस-पास के क्षेत्र में लगभग 1 किमी तक पुलिस फोर्स तैनात की जाती है.जानकार बताते हैं कि इस मामले में व्यक्ति को नोटिस भेजा जाता है और इस नोटिस का जवाब देने के लिए उसे समय भी दिया जाता है. यह समय कितना होगा ये बात पूरी तरह उक्त अथॉरिटी पर निर्भर करती है.
इसके अलावा एक और संभावित कारण है जिसके चलते बुलडोज़र की कार्रवाई की जा सकती है
दरअसल अगर आपने अपने निर्माण का नक्शा संबंधित प्राधिकरण या अधिकारी से पास नहीं कराया है, तो ऐसी स्थिति में भी बुलडोजर की कार्रवाई संभावित है. आपके निर्माण के नक्शे को पास करने के लिए अलग-अलग निकाय की व्यवस्था की गई है. अगर आपका निर्माण महानगर में है, तो आपको महानगर के विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराना होता है. वहीं, अगर आप नगरपालिका में कोई निर्माण करवा रहे हैं, तो आपको पहले उपजिलाधिकारी से अपने निर्माण का नियत नक्शा पास कराना चाहिए.
आखिर में बता दें कि जून की 3 तारीख को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसा हुई थी. इसके बाद से योगी सरकार एक्शन में है. प्रयागराज से सहारनपुर तक बुलडोजर चलाया जा रहा है और आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो रही है. प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद पंप के घर पर 11 जून को बुलडोजर चलाया जा चुका है. बताया जा रहा है कि इसके बाद भी 36 अन्य उपद्रवियों के घर भी बुलडोजर चलाया जाना है.