भारत में पिछले कुछ सालों में मैरिटल रेप पर कानून बनाने की मांग तेज हुई है. दिल्ली हाई कोर्ट में मैरिटल रेप को अपराध घोषित किए जाने की मांग से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई फिलहाल टल गई है. भारत में इसके लिए सजा का कोई प्रावधान नहीं है यानी अगर पति अपनी पत्नी की मर्ज़ी के बगैर उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाता है तो वो अपराध नहीं माना जाएगा. आज नो दिस के इस वीडियो में हम जानेंगे कि भारत में अब तक मैरिटल रेप को अपराध घोषित क्यों नहीं किया गया है... साथ ही जानेंगे कि दुनिया के किन देशों में मैरिटल रेप अपराध है? आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट 2015 से कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. इस पर केंद्र सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर कोई कानून बनाने से पहले प्रभावशाली ढंग से विचार करने की जरूरत है क्योंकि ये समाज पर गहरा असर डालेगा. हाल ही में केंद्र ने कोर्ट को सूचित किया है कि मैरिटल रेप तब तक अपराध नहीं बनाया जा सकता जब तक मामले से संबंधित सभी पक्षों के साथ सलाह मशविरा ना हो जाए.
IPC की धारा 375 के मुताबिक यदि कोई पुरुष अपनी पत्नी से सेक्स संबंध बनाता है और अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है, तो इसे रेप नहीं माना जाएगा. वहीं हिंदू मैरिज एक्ट पति और पत्नी के लिए एक दूसरे के प्रति कुछ जिम्मेदारियां तय करता है. इनमें सहवास का अधिकार भी शामिल है. कानूनन ये माना गया है कि सेक्स के लिए इनकार करना क्रूरता है और इस आधार पर तलाक मांगा जा सकता है.
भारत में मौरिटल रेप के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 24% महिलाओं को घरेलू हिंसा या यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है. पंजाब के 67% पुरुषों का मानना है कि पत्नी के साथ जबरन सेक्स करना उनका अधिकार है. 2005 के डेटा के मुताबिक 93% महिलाओं ने माना कि उनके पति ने यौन उत्पीड़न किया. दुख की बात है कि देश में करीब 99% यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज ही नहीं होते. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मैरिटल रेप के ज्यादातर मामले समाज या परिवार के डर से कभी सामने ही नहीं आ पाते.
सोवियत यूनियन 1922 में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने वाले पहला देश था. 1932 में पोलैंड ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित किया. 1960 के दशक तक ज्यादातर पश्चिमी देश मैरिटल रेप को अपराध घोषित कर चुके थे. ब्रिटेन ने 1991 और अमेरिका ने 1993 में मैरिटल रेप को अपराध घोषित किया. वहीं भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान समेत 34 देशों में मैरिटल रेप को अपराध नहीं घोषित किया गया है. देखना होगा कि भारत में मैरिटल रेप को लेकर आम राय क्या बनती है और कोर्ट का इस पर क्या नजरिया होता है.