नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE की पहली महिला मैनेजिंग डायरेक्टर और पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण इन दिनों विवादों में हैं. सेबी का आरोप है कि वो स्टॉक एक्सचेंज की महत्वपूर्ण और गोपनीय सूचना एक तीसरे शख्स के साथ शेयर करती थीं. एक अनाम योगी के इशारे पर चित्रा देश के सबसे बड़े स्टॉक मार्केट को चला रही थीं. योगी के कहने पर 15 लाख रुपए के पैकेज वाले एक मिड-लेवल मैनेजर आनंद सुब्रमण्यम को 1.38 करोड़ रुपए के पैकेज पर नियुक्त कर दिया... प्रमोशन भी दिया. सवाल उठता है कि आखिर ये बाबा है कौन जो इतने समय से NSE के बड़े बड़े फैसले ले रहा है. उससे पहले जानते हैं कि चित्रा रामकृष्ण और आनंद सुब्रमण्यम के बारे में.
2013 में चित्रा NSE की पहली महिला MD और CEO बनी थीं और 2016 में उन्होंने अपने इस्तीफा दे दिया था. सेबी को पूछताछ में उन्होंने बताया कि वो हिमालय के एक रहस्यमय योगी की सलाह पर अपने फैसले लेती थीं. आनंद सुब्रमण्यम की भारी-भरकम पैकेज पर नियुक्ति भी इसी रहस्यमय योगी के इशारे पर की गई. चित्रा के मुताबिक ये योगी अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकते थे. SEBI ने चित्रा रामाकृष्ण पर इन धांधलियों के लिए 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है.
वहीं आनंद सुब्रमण्यम को 2013 में चीफ स्ट्रैटजिक ऑफिसर बनाया गया था. फिर 2015 को प्रमोट कर ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर व एमडी और सीईओ का सलाहकार बनाया गया. अक्टूबर 2016 तक वह इस पद पर रहे. सुब्रमण्यम को हफ्ते में केवल 3 दिन ऑफिस आने की भी छूट थी. उन पर SEBI ने 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है
चित्रा रामकृष्ण ने सेबी को पूछताछ में बताया कि ये बाबा उन्हें बीस साल पहले गंगा के तट पर तीर्थ के दौरान मिले थे. चित्रा बाबा से ईमेल के जरिए पूछा करती थीं कि किस कर्मचारी को कितनी रेटिंग देनी है और किसे प्रमोशन देना है. सेबी के मुताबिक ईमेल्स में चित्रा ने योगी को ऑर्गनाइजेशन के स्ट्रक्चर से लेकर डिविडेंड, फाइनेंशियल रिजल्ट, एचआर पॉलिसी, बोर्ड मीटिंग का एजेंडा तक शेयर किया था. इस पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और फॉरेंसिक रिपोर्ट तैयार करने वाली कंसल्टेंट फर्म EY का कहना है कि आनंद सुब्रमण्यम ही अनाम योगी है. हालांकि सेबी के पास इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है.
NSE में काम करने वाले कुछ पुराने लोगों के मुताबिक चेन्नई में एक बाबा रहते थे जिनपर चित्रा का अटूट विश्वास था. वो समय-समय पर चेन्नई जाया करती थीं. इस बाबा का नाम स्वामिंगल बताया गया. उनलोगों के मुताबिक, आनंद सुब्रमण्यम भी उस बाबा के काफी नजदीकी थे. जानकारी के लिए बता दें कि इस बाबा का कुछ साल पहले देहांत हो चुका है. मामले के सामने आने के बाद सेबी, एनएसई, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स सभी की इमेज दांव पर है. कुछ लोग बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. देखना होगा कि मामले में क्या क्या सच्चाई सामने आती है.