देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी. इसकी लौ को इंडिया गेट से हटाकर वॉर मेमोरियल की ज्योति में मिला दिया गया है. अब सभी मौकों पर यहीं शहीदों के लिए श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं. अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. आज नो दिस के इस वीडियो में हम आपको अमर जवान ज्योति के बारे में सब कुछ बताएंगे. जानेंगे इसका इतिहस क्या है और इसे वॉर मेमोरियल की ज्योति में क्यों मिलाया गया.
1971 में भारत-पाक युद्ध में भारत की जीत हुई थी और साथ ही बांग्लादेश का गठन हुआ था. उस युद्ध में शहीद होने वाले 3,843 भारतीय जवानों की याद में अमर जवान ज्योति को बनाया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था. वहीं नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण केंद्र सरकार द्वारा 2019 में किया गया. इसे 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक शहादत दे चुके 26,466 भारतीय जवानों के सम्मान में बनाया गया है. 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्मारक का उद्घाटन किया था. उस वक्त ही यह निर्णय लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी. नया स्मारक इंडिया गेट परिसर में 40 एकड़ में फैला है, जिसकी दीवारों पर शहीद हुए सैनिकों के नाम हैं.
क्यों शिफ्ट की गई ज्योति?
दरअसल इंडिया गेट पर जो नाम लिखे हैं वो उन सैनिकों के हैं जो वर्ल्ड वॉर-1 और एंग्लो-अफगान वॉर में शरीद हुए थे. वहीं अमर जवान ज्योति पर जलने वाली ज्योत 1971 और अन्य युद्धों में शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देती थी, लेकिन उनमें से किसी का नाम इंडिया गेट पर नहीं लिखा था. 1971 के युद्ध समेत बाकी सभी युद्धों में शहीद होने वाले सैनिकों के नाम नेशनल वॉर मेमोरियल में दर्ज हैं.
भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक वॉर मेमोरियल पर ही ज्योति जलाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. पूर्व नेवी चीफ एडमिरल अरुण प्रकाश ने कहा कि अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर अस्थाई रूप से स्थापित किया गया था. अब हमारे पास अपना एक वॉर मेमोरियल है, तो इसे वहीं ले जाना बेहतर होगा.
कांग्रेस ने क्यों जताया विरोध ?
राहुल गांधी ने इस फैसले पर विरोध जताया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!' . अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने के फैसले पर अलग-अलग तरह के रिएक्शंस सामने आए हैं. कई पूर्व सैनिकों ने भी इसे अपनी भावनाओं से जुड़ा हुआ बताते हुए नहीं हटाए जाने की अपील की है. हालांकि सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में जल रही ज्वाला में मिलाया जा रहा है.