पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की स्ट्राइक जारी है.. कारण है नीट काउंसलिंग में हो रही देरी.. बता दें कि 18 दिसंबर से दिल्ली में भी रेजिडेंट डॉक्टरों की स्ट्राइक चल रही है. इसके पहले भी दिसंबर में रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर थे, हालांकि लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें भरोसा दिलाया था जिसके बाद उन्होंने स्ट्राइक को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया था.. लेकिन उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो वो फिर से स्ट्राइक पर आ गए.
तो आज के KNOW THIS वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों देश भर के MBBS डॉक्टर हड़ताल पर हैं साथ ही बताएंगे कि इस पूरे मामले पर कहां पेंच फंसा हुआ है बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले जानते हैं
क्या है पूरा मामला?
दरअसल फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स असोसिएशन यानी कि FORDA की अगुवाई में दिल्ली में रेजिडेंट्स ड…
[12:44, 29/12/2021] Pragati Dwivedi: पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की स्ट्राइक चल रही है .. कारण है नीट काउंसलिंग में हो रही देरी.. लेकिन बता दें कि Delhi AIIMS Resident Doctors Association ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया है और सभी सेवाएं सामान्य रूप से शुरू करने का फैसला किया है. वहीं FORDA की बैठक में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है. तो आज के KNOW THIS वीडियो में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों रेजिडेंट्स डॉक्टर हड़ताल पर हैं साथ ही बताएंगे कि इस पूरे मामले पर कहां पेंच फंसा हुआ है बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले जानते हैं
क्या है पूरा मामला?
दरअसल फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स असोसिएशन यानी कि FORDA की अगुवाई में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की स्ट्राइक चल रही है.FORDA का कहना है कि हर साल पीजी के लिए जनवरी में एग्जाम होता है और मई तक डॉक्टर जॉइन कर लेते हैं..इस साल एग्जाम जनवरी में नहीं हुए. कोविड का हवाला दिया गया.. पहले मार्च-अप्रैल का समय दिया गया, लेकिन कोविड पीक की वजह से फिर एग्जाम नहीं हो पाया.. सितंबर में एग्जाम हुआ. रिजल्ट आ गया है, लेकिन काउंसलिंग नहीं हुई है.अभी तक काउंसलिंग की तारीख की घोषणा भी नहीं हुई है. मामला लगभग एक साल पीछे चला गया है. लगभग 45 से 47 हजार एमबीबीएस डॉक्टर पीजी करने के इंतजार में हैं. इन सबके चलते ही अस्पतालों को नए डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं मौजूदा डॉक्टरों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है उन्हें लगातार 36-36 घंटे काम करना पड़ रहा है साथ ही अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की भारी कमी हो गयी है.
हड़ताल पर क्यों रेजिडेंट डॉक्टर?
रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर क्यों हैं इसकी बात करें तो फोर्डा के जनरल सेक्रेट्री डॉ. सुनील अरोड़ा का कहना है कि जो भी रेजिडेंट डॉक्टर हैं, उन पर प्रेशर है, उनकी ट्रेनिंग प्रभवित हो रही है साथ ही कम का बोझ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि तीन साल का कोर्स होता है. अगर हर बैच में 100-100 पीजी स्टूडेंट्स हैं, तो ऐसे में जो सेकंड ईयर में हैं, उन्हें फर्स्ट ईयर का भी काम करना पड़ रहा है, क्योंकि अभी तक फर्स्ट ईयर में पीजी स्टूडेंट्स आए ही नहीं हैं. पीजी में हर साल अलग-अलग ट्रेनिंग होती है. प्रेशर की वजह से ट्रेनिंग नहीं हो पा रही है. सबसे जरूरी बात कि स्पेशलाइजेशन कोर्स में अगर ट्रेनिंग ही नहीं होगी तो इसका असर करियर पर पड़ सकता है. ये ही कारण है कि रेजिडेंट डॉक्टर्स जो मेडिकल कॉलेज में हैं, वे नए स्टूडेंट्स के एडमिशन की मांग को लेकर स्ट्राइक करने पर मजबूर हैं,
6 तारीख को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बता दें कि स्ट्राइक कर रहे डॉक्टरों कहना है कि मांगें नहीं माने जाने तक स्ट्राइक चलती रहेगी. जिसका नुकसान गरीब मरीजों को चुकाना पड़ रहा है. ओपीडी, एडमिशन और इमरजेंसी से लेकर सर्जरी तक पपर असर पड़ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हुई कई दौर की बैठक के बाद भी नतीजा कुछ नहीं निकल पाया है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है और 6 जनवरी को इस पर सुनवाई होनी है.
क्या है रेजिडेंट डॉक्टर्स की डिमांड?
रेजिडेंट डॉक्टर्स की डिमांड है कि काउंसलिंग के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए, सरकार गेंद को SC के पाले में ना डाले. फास्ट ट्रैक से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो, मौजूदा डॉक्टरों पर काम का बोझ कम किया जाए साथ ही 1 लाख जूनियर डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जाए..
अड़चन क्या है?
इस पूरे मामले की अड़चन को लेकर फोर्डा के प्रेजिडेंट का कहना है कि पीजी एग्जाम के नोटिफिकेशन के बाद सरकार ने नई रिजर्वेशन पॉलिसी के तहत एडमिशन लागू कर दिया है. इससे डॉक्टर असमंजस में पड़ गए.. इसमें ईडब्ल्यूएस और ओबीसी क्राइटेरिया में कुछ बदलाव हुए हैं. इसका विरोध हुआ तो मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. अब कोर्ट में सरकार अपना जवाब रखेगी और इस पर 6 जनवरी को सुनवाई होगी. हमने सरकार से जल्दी हियरिंग कराने की भी मांग की. अब तक चार बार केंद्र सरकार के मंत्री और अधिकारियों और मंत्री के साथ बैठक हो चुकी है। हर बार कहा जाता है कि एक हफ्ते में हो जाएगा, लेकिन अब तक काउंसलिंग नहीं हुई है.
कुलमिलाकर इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होगा ये तो आने वाला वक़्त ही तय करेगा लेकिन फिलहाल पूरे देश में DOCTERS की हड़ताल से आम जनमानस पर इसका काफी बुरा असर पड़ रहा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता.