बरसात का मौसम धान की पैदावार के लिए बहुत ही अच्छा समय होता है. इसलिए इस मौसम में पंजाब और हरियाणा समेत पूरे देश में धान की फसल पैदा की जाती है. वहीं अक्टूबर और नवम्बर में इस फसल को काटा जाता है, फसल को काटने के लिए हार्वेस्टर मशीन की हेल्प ली जाती है..जिससे फसल का सिर्फ अनाज वाला हिस्सा मतलब धान के पौधे के ऊपर का हिस्सा ही काटा जाता है और बाकी का हिस्सा खेत में ही लगा रहता है.. चूंकि इस छूटे हुए हिस्सों को खेतों से हटाना आसान नहीं होता, इसके लिए सबसे सरल उपाय के तौर पर इसे जला दिया जाता है. इसे ही पराली कहते हैं. अक्टूबर और नवंबर का महीना धान की फसल यानि कि खरीफ की फसल की कटाई का वक़्त होता है. साथ ही इसी वक़्त पर रबी फसल की बुआई भी की जाती है. धन की फसल की कटाई और रबी की फसल जैसे आलू, गेंहू, जौ आदि की बुआई के बीच सिर्फ 20-25 दिन का समय होता है. नई फसल के लिए खेतों को तैयार करने के लिए किसानों को काफी कम वक़्त मिलता है. ऐसे में पराली को जलाना किसानों के लिए सबसे आसान विकल्प है. पराली के जलने से उठने वाले धुंआ, धुंध के साथ मिलकर हर साल दिल्ली की हवा को ज़हरीला बनाता है और लोग साफ सुथरी हवा के लिए तरसने लगते हैं.