पिछले कुछ दिनों में करीब 4 ऐसे मामले रिपोर्ट किए गए, जिनमें दोपहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगी है.. इनमें ओला, ओकिनावा और प्योर ईवी जैसी कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर शामिल हैं.. जिसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों यानी EV की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. जहां केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटना के जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, इन स्कूटरों की कंपनियों ने आग लगने की तुरंत कोई वजह न बताते हुए आंतरिक जांच की बात कही है. know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि कैसे इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं? इसके पीछे आखिर वजह क्या है? साथ ही बताएंगे कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को कैसे बढ़ावा दे रही है? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
सबसे पहले जानते हैं कि वो क्या वजहें हैं जिनके चलते ई-स्कूटरों में आग लगी?
दरअसल ई स्कूटरों की बैटरी में आग लगी है. अभी इन बैटरियों में आग लगने की सटीक वजह कोई भी कंपनी नहीं बता पा रही है. हालांकि, ओकिनावा ईवी का कहना है कि इसकी एक बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है, जो व्हीकल को चार्जिंग में की गई लापरवाही का नतीजा हो सकता है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, बाहर से हुआ कोई डैमेज, बैटरी लगाने में फॉल्ट आदि के चलते भी आग लगने का रिस्क रहता है. बता दें कि ई-स्कूटरों में लिथियम-ऑयन यानी Li-ion बैटरियों का इस्तेमाल होता है. आजकल दुनियाभर में स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप और इलेक्ट्रिक कार से लेकर स्मार्टवॉच तक में इन्हीं बैटरियों का इस्तेमाल हो रहा है. इनकी खासियत ये है कि ये बैटरियां बहुत हल्की होती हैं, वहीं दूसरी ओर इन बैटरियों में बहुत एनर्जी इकट्ठा हो सकती है. लीथियम-आयन बैटरी आमतौर पर 150 वॉट-आवर प्रति किलो ऊर्जा स्टोर कर सकती है, जबकि एसिड वाली लेड बैटरी सिर्फ 25 वॉट-आवर प्रति किलो ऊर्जा स्टोर कर सकती है. ऐसे में इस बैटरी का इस्तेमाल प्रोडक्ट को हल्का भी करता है और बैटरी देर तक चलती है. यानी इलेक्ट्रिक स्कूटर हो, लैपटॉप हो या आपका मोबाइल हो, वो अधिक देर तक चलता रहेगा।
जैसा कि हमने आपको बताया कि ओला, ओकिनावा और प्योर ईवी जैसी कंपनियों के ई-स्कूटरों में आग लगी ऐसे में ये सवाल भी खड़ा होता है कि आखिर क्यों इन्हीं स्कूटरों में आग पकड़ी.
इन स्कूटरों से जुड़ी कंपनियों ने कहा है कि वो मामले की जांच कर रही हैं, इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की वास्तविक वजह का अभी पता नहीं चल पाया है. वहीं आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता इन बैटरियों को बड़ी संख्या में चीन से आयात करते हैं, जहां से खराब BMS क्वॉलिटी वाली बैटरियां आती हैं, जिससे बैटरियों में आग लगने समेत कई दिक्कतें आती हैं.
statista की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन 2021 में दुनिया में लिथियम-ऑयन बैटरियों का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर था और इस दौरान दुनिया की 79% लिथियम-ऑयन बैटरियां चीन में बनाई गईं.
आखिर में आपको बताते हैं कि आप अपने ई-व्हीकल का कैसे ख्याल रख सकते हैं ?
ये बात अलग है कि अगर गाड़ी में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है तब तो आप कुछ नहीं कर सकते, लेकिन कई तरीकों से आप आग लगने के रिस्क को कम कर सकते हैं. सबसे पहली बात जो ध्यान में रखनी चाहिए कि गाड़ी को बहुत अधिक गर्म ना होने दें.. गर्मी के दिनों में उसे तेज धूप में देर तक ना छोड़ें. अगर गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है कि उसके बाद भी बैटरी में कोई नुकसान हो सकता है. ऐसे में एक्सीडेंट के बाद गाड़ी की बैटरी जरूर चेक कराएं, ताकि ये पता चल सके कि उसमें कोई फॉल्ट तो नहीं हुआ.. चार्जिंग के लिए अच्छे सॉकेट और प्लग का इस्तेमाल करें। नमी चार्जर और बैटरी दोनों के लिए खतरनाक है, इसलिए अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल को इससे बचाएं।