भारत ने फ्रांस के साथ 3000 करोड़ रुपये की एक बड़ी डील की है. डील के तहत भारत 24 सेकेंड-हैंड मिराज 2000 fighter planes खरीदेगा. लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर भारत पुराने मिराज का करेगा क्या. भारत को इस सौदे की जरूरत क्यों पड़ी? इससे वायुसेना की ताकत में किस तरह इजाफा होगा? और मिराज 2000 की क्या खासियत है?
पुराने मिराज की क्या जरूरत ?
दरअसल, फ्रेंच एयरफोर्स अपने सभी मिराज प्लेन्स को राफेल से रिप्लेस करने की तैयारी में है. और भारत अपने 36 साल पुराने लड़ाकू विमान मिराज को अपग्रेड करने जा रहा है. इसके लिए भारत को लगभग 300 स्पेयर पार्ट्स की जरूरत है. दुनियाभर में इन विमानों को फेज आउट किया जा चुका है तो ऐसे में इसके स्पेयर पार्ट मिलना मुश्किल है. यहीं वजह है कि भारत इन सैकेंड हैंड मिराज को इनके स्पेयर पार्ट का इस्तेमाल करने के लिए खरीद रहा है. यानि अगर भारत के किसी मिराज का विंग या इंजन खराब है तो उसे फ्रांस से खरीदे गए सैकेंड हैंड मिराज के पार्ट से रिप्लेस किया जा सकता है. पिछले साल भी भारत ने फ्रांस से 16 फेज्ड आउट या सैकेंड हैंड मिराज खरीदे थे जो भारत आ चुके हैं. अब इन 24 विमानों को जल्द ही कंटेनरों में भारत भेजा जाएगा.
किस हालत में हैं 24 फ्रेंच मिराज ?
भारत, फ्रांस से जो सेकेंड-हैंड 24 mirage खरीद रहा है उसमें से 8 एयरक्राफ्ट बिलकुल परफेक्ट या रेडी टू फ्लाई कंडीशन में हैं. हालांकि इन्हें उड़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इनमें से 5 सभी पार्ट्स के साथ ठीक ठीक कंडीशन में हैं. बचे हुए 11 विमान फ्यूल टैंक और इजेक्शन सीटों के साथ आंशिक रूप से तैयार हैं.
मिराज 2000 की क्या खासियत है?
मिराज 2000 वहीँ लड़ाकू विमान हैं जिसने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया था, कारगिल युद्ध का पासा पलट दिया था. भारतीय वायुसेना इसे वज्र नाम से बुलाती है. इसे राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट ने ही बनाया था. इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल 9 देश की सेनाएं करती हैं.
मिराज 2000 लड़ाकू विमान की खास बात ये है कि
* ये 2,336 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है
* डबल इंजन वाला ये विमान 13,800 किलो गोला बारूद ले जाने में सक्षम है
* दो इंजन होने की वजह से विमान के क्रैश होने की संभावना बेहद कम हो जाती है
* ये विमान हवा में दुश्मन को खत्म करने की क्षमता रखता है
* ये भारी मात्रा में एक साथ बमबारी और मिसाइल अटैक कर सकता है
* इस लड़ाकू विमान में DEFA 554 ऑटोकैन लगे हैं, जो 30 मिमी रिवॉल्वर प्रकार के तोप से लैस हैं
* ये तोप एक मिनट में 1800 गोलियां दाग सकता है
मिराज 2000 आसमान से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें, आसमान से आसमान में मार करने वाली मिसाइलें, लेजर गाइडेड मिसाइलें और परमाणु बम से लैस क्रूज मिसाइलों को ले जाने की क्षमता रखता है.
कितना मजबूत है वायुसेना का लड़ाकू बेड़ा ?
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में फ्रांस में बने हुए राफेल औऱ मिराज 2000 हैं. इसके अलावा रशिया में बने हुए सुखोई, मिग-21 और मिग-29, ब्रिटेन के जैगुआर और तेजस है जिसका निर्माण भारत में ही किया गया है. इनमें से मिग-21 अगले 4-5 सालों में रिटायर हो जाएंगे. इसके बाद मिग-29 और जैगुआर को भी डिसकंटीन्यू करने का प्लान है. चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे conflicts के चलते भारतीय वायुसेना के लिए सैंक्शन फाइटर स्कॉड्रन की संख्या 42 है जबकि फिलहाल Indian Air Force के पास 32 स्कॉड्रन हैं.