तेल के बढ़ते दाम का ग्राफ क्या है?
आपको बता दें कि पिछले साल 22 अप्रैल को ब्रेंट क्रूड ऑयल 16 डॉलर प्रति बैरल के अपने निचले स्तर पर पहुंच गया था. लेकिन पिछले बुधवार को इसी कीमत करीब 51.8 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर लगभग 81 अमेरिकी डॉलर हो गई. ये पिछले छह हफ्तों में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में आई सबसे बड़ी बढ़ोतरी है. इससे पहले 20 अगस्त को इसकी कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल थी.
ब्रेंट क्रूड ऑयल क्या होता है?
सीधे शब्दों में पेट्रोलियम पदार्थों के नेचुरल रूप को क्रूड ऑयल कहते हैं. क्रूड ऑयल काले रंग का गाढ़ा लिक्विड होता है. ये एक तरह का डार्क हाइड्रोकार्बन पदार्थ है जो जमीन और समुद्र के अंदर पाया जाता है. क्रूड ऑयल को बाहर निकालने के बाद मशीनों से refine किया जाता है, जिससे पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेचुरल गैस,ल्यूब्रिकेंट और वेसलीन आदि निकलते हैं. क्रूड ऑयल पूरी दुनिया की इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन को चालू रखने के लिए बेहद जरूरी है. पूरे विश्व में रोज करीब 924 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत होती है. जबकि भारत में रोजाना करीब 35 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत होती है और भारत 83% ब्रेंट क्रूड ऑयल का आयात करता है. भारत में ज्यादातर कच्चा तेल गल्फ कंट्रीज से आते हैं जहाँ पर कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट होता है.
तेल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
पूरी दुनिया लम्बे समय से कोरोना का संकट झेलती आ रही है. फिलहाल कोरोना से थोड़ी राहत जरुर मिली है लेकिन विश्व अर्थव्यवस्था अब भी इससे उबरने की कोशिश कर रही है. 2021 में पूरी दुनिया में कच्चे तेल की मांग बढ़ी है.. जबकि कोरोना की वजह से तेल उत्पादन कम हुआ है. यूरोप और एशिया में इस समय गैस की कमी है जिससे बिजली बनाने के लिए तेल की मांग बढ़ गई है और तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर भी हुआ है. भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की बाजारों में पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं. अमेरिका में पेट्रोल 7 साल में सबसे महंगा हो गया है. साल 2014 के बाद अमेरिका में एक गैलन पेट्रोल के दाम बढ़कर 5 डॉलर के करीब पहुंच गए हैं.