क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छर के काटने से होता और फैलता है. WHO के मुताबिक, ये मच्छर की वहीं प्रजाति है जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक वायरस का प्रसार होता है. ज्यादातर लोगों के बीच जीका वायरस का संक्रमण कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन ये गर्भवती महिलाओं के लिए और खासतौर से भ्रूण के लिए जानलेवा हो सकता है. चलिए अब एक नजर डालते हैं इस वायरस के लक्षण पर.
जीका वायरस के लक्षण क्या हैं?
जीका वायरस से इंफेक्ट होने वाले कुछ लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. आमतौर पर लक्षण किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के दो से 14 दिनों के बीच दिखने शुरू होते हैं. डेंगू, मलेरिया में जो लक्षण होते हैं, उसी तरह के लक्षण जीका वायरस के भी है. अगर आप इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं तो आपको बुखार, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, आंखों में लाली, सिरदर्द, थकान, पेट में दर्द हो सकता है. इसके अलावा जीका वायरस के संक्रमण से मस्तिषक से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. दरअसल इस वायरस में एनएस-1 प्रोटीन होता है जो बेहद घातक होता है. ये प्रोटीन ब्लड ब्रेन बैरियर को कमजोर कर देता है जिससे शिशु के मस्तिष्क में जीका वायरस की एंट्री आसान हो जाती है. इसके असर से नवजात शिशु के सिर का आकार असामान्य और अविकसित भी हो सकता है.
जीका वायरस से कैसे करें बचाव?
जीका वायरस से डरने की जरूरत नहीं है. बस इससे सावधान रहने की जरूरत है. जीका वायरस से बचने के लिए
- घर में मच्छर न पनपने दें
- हमेशा मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली जरूर लगवाएं
- पूरी बांह का कपड़ा पहनें
- घर में साफ-सफाई पर ध्यान दें
- बाहर का और पैकिंग वाला खाना खाने से बचें
- प्रभावित इलाके में यात्रा के बाद तुरंत डॉक्टर से मिलें