एचआइवी-एड्स को दुनिया में लाइलाज बीमारी माना जाता है लेकिन अब आने वाले वक़्त में ऐसा नहीं होगा क्योंकि वैज्ञानिकों ने कैंसर के बाद अब HIV/AIDS जैसी जानलेवा बीमारी का भी इलाज ढूंढ निकाला है.. दरअसल इजराइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स एक ऐसी वैक्सीन बनाने में कामयाब हुए हैं, जिसकी केवल एक खुराक से ही शरीर में वायरस को खत्म किया जा सकेगा।। बता दें कि फिलहाल HIV-AIDS का कोई इलाज नहीं है और इस स्थिति के लिए जैनेटिक इलाज भी मौजूद नहीं है.. तो आज के know this वीडियो में हम आपको hiv वैक्सीन से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देंगे बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
बता दें कि इजराइल के साइंटिस्टों ने जिस टेक्नोलॉजी का यूज़ इस वैक्सीन को बनाने में किया है उसे जीन एडिटिंग टेक्नोलॉजी कहा जाता है। हालांकि फिलहाल इसका ट्रायल अभी चूहों पर किया गया है। वैक्सीन में टाइप बी डब्ल्यूबीसी यानी व्हाइट ब्लड सेल्स का इस्तेमाल किया गया। इनसे इम्यून सिस्टम में HIV से लड़ने वाली एंटीबॉडीज विकसित होती हैं। दावा है कि इस दवा से बनने वाली एंटीबॉडीज सुरक्षित और शक्तिशाली हैं। ये संक्रामक बीमारियों के अलावा कैंसर और बाकी ऑटोइम्यून बीमारियों से ठीक होने में भी इंसान के काम आ सकती हैं। रिसर्चर्स का मानना है कि अगले कुछ सालों में AIDS और कैंसर का परमानेंट इलाज मार्केट में आ सकता है।
AIDS क्या बीमारी है ये भी आपको बताते हैं
एड्स एक ऐसी बीमारी है जो HIV नामक वायरस के शरीर में आ जाने से होती है। इसका पूरा नाम एक्वायर्ड एमीनों डेफिशियेन्सी सिंड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है। ये एक यौन रोग है फिलहाल इसका कोई परमानेंट इलाज उपलब्ध नहीं है। माना जाता है कि ये वायरस चिम्पांजी से इंसान में 20वीं सदी में ट्रांसफर हुआ था..
1959 में अफ्रीकी देश कॉन्गो में एड्स का पहला मामला सामने आया था, जब एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसके खून की जांच की गई तो पता चला कि उसे एड्स था।
फिर 1980 के दशक के शुरुआत में इस बीमारी के सामने आने के बाद से अब तक दुनियाभर में लाखों की तादाद में लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। बताया जाता है कि 3.26 करोड़ से भी अधिक लोग दुनियाभर में एचआईवी से पीड़ित हैं। इस बीमारी में 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान होने पर एचआईवी विषाणु मारे जाते हैं। हमारे देश में 1986 में चेन्नई में एड्स का पहला मामला सामने आया था।