अमेरिकी खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी में रहस्यमयी बीमारी के लक्षण मिले हैं. ये अधिकारी इसी महीने CIA Director विलियम बर्न्स के साथ भारत यात्रा पर आया था. हालत इतनी बिगड़ गई कि उनको अमेरिका वापस लौटकर इलाज कराना पड़ा. जांच में पता चला कि अधिकारी में मिले लक्षण हवाना सिंड्रोम बीमारी के हैं. भारत में इस गंभीर बीमारी का ये पहला मामला है.
सबसे पहले आपको बताते हैं क्या है हवाना सिंड्रोम ?
हवाना सिंड्रोम न्यूरो से जुड़ी एक रहस्यमय बीमारी है. इसके मरीज को बिना किसी बाहरी शोर के अजीबो गरीब आवाजें सुनाई देती हैं जैसे मक्खी के भिनभिनाने की, vibration, सीटी बजने या किसी चीज के रगड़ने की. इसके अलावा मरीज को चक्कर आना, थकान महसूस होना, बैलेंस बिगड़ना, उबकाई आना, याद रखने या फिर ध्यान में समस्या होना, और तेज सिरदर्द होने की शिकायत हो सकती है. जो लोग इसकी चपेट में आए हैं उनमें से कुछ अब काम करने में सक्षम नहीं है. बता दें इसने देश-विदेश में ज्यादातर अमेरिकी राजनयिकों, जासूसों और अन्य सरकारी कर्मियों को अपनी चपेट में लिया है.
कब हुई हवाना सिंड्रोम की पहचान ?
सबसे पहले साल 2016 में क्यूबा में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों और जासूसों में इस बीमारी के लक्षण रिपोर्ट किए गए थे. इस दौरान ये लोग क्यूबा के हवाना शहर में थे. वहीं से इस बीमारी को हवाना सिंड्रोम का नाम मिला. इन लोगों ने सरदर्द के साथ अजीब आवाज़े सुनाई देने की शिकायत की थी. इन लोगों को न तो नींद आती थी और ना ही ये लोग फोकस कर पाते थे. फिर 2018 में चीन में कुछ अमेरिकी राजनयिकों में इसी तरह के लक्षण होने की बात कही. इसके बाद US, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान और अब भारत में भी इस सिंड्रोम के लक्षण रिपोर्ट किए गए.
हवाना सिंड्रोम की क्या वजह है?
कुछ लोगों का मानना है कि ये मनोवैज्ञानिक दबाव की वजह से हो सकता है. बता दें अब तक यूएस में लगभग 200 सरकारी कर्मी और उनके परिजन इसकी चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में इसे महज मनोवैज्ञानिक दबाव कहना ठीक नहीं होगा. 2020 में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया कि इसके पीछे microwave energy या radio frequency energy भी एक वजह हो सकती है. उनके मुताबिक high-powered microwaves के ज्यादा संपर्क में आने से हमारा नरवस सिस्टम डेमेज हो सकता हैं.