भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के बाद देश के आठ संस्थानों ने नेचुरल वॉटर रिसोर्सेज में सार्स-सीओवी-टू वायरस की जांच शुरू की है. जिसमें आईआईटी गांधीनगर के साथ जेएनयू के स्कूल ऑफ एनवायरनमेंटल के रिसर्चर्स भी शामिल हैं. स्टडी के दौरान अहमदाबाद की साबरमती नदी से भी पानी के सैंपल लिए गए और इन सैंपल में कोरोना वायरस के ट्रेसेज पाए गए हैं.
हैरानी की बात ये है कि साबरमती नदी के साथ-साथ अहमदाबाद के कांकरिया और चंदोला झील से लिए गए पानी के सैंपल में कोविड-19 वायरस मिले. रिसर्च में शामिल एक प्रोफेसर के मुताबिक पानी के 25% सैंपल में कोरोना वायरस के अंश मिले हैं.
अब आप ये सोच रहे होंगे आखिर कोरोना वायरस की जांच नदियों और झीलों तक क्यों पहुंची?
दरअसल देश के कई शहरों की सीवेज लाइनों में कोविड-19 वायरस के मिलने की पुष्टि हो चुकी है. माना जा रहा है इन्हीं रास्तों ही वायरस नदियों और झीलों तक पहुंचे, क्योंकि कई जगह शहर की सीवेज लाइन नदियों में खुलती हैं. रिसर्चर्स ने इसके बाद साफ पानी के जलस्रोतों की स्टडी शुरू की और गुजरात में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ साबरमती नदी, कांकरिया और चंदोला लेक से पानी के सैंपल लिए गए.