आप जानते होंगे कि डेंगू मच्छर के काटने की वजह से होता है. जिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है, उस मच्छर को एडीज कहते है. ये दिखने में सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है. जानकारों के मुताबिक ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं और ये मच्छर ज्यादातर दिन में ही काटता है. मच्छर काटने के एक-दो दिन बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. डेंगू बुखार का कोई सीधा इलाज या टीकाकरण नहीं है. लेकिन medical और home treatment से स्थिति में सुधार और इलाज किया जा सकता है.
क्या है डेंगू के लक्षण ?
डेंगू में बुखार आने के साथ-साथ आंखें लाल हो जाती है. कुछ लोगों को चक्कर आने की वजह से बेहोशी छा जाती है. इसके अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों- जोड़ों में दर्द, मिचली आना, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते बनना भी डेंगू के लक्षण हैं. डेंगू बुखार के चार प्रकार होते हैं, इनमें से डी-2 स्ट्रेन को काफी खतरनाक माना जाता है. इस स्ट्रेन की चपेट में आने वाला व्यक्ति बहुत तेजी से बीमार होता है. कई बार यह जानलेवा भी होता है. डॉक्टर इसे डेंगू शॉक सिंड्रोम के तौर पर भी देखते हैं. इसमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है. डेंगू के बुखार में शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं. इससे सामान्य बुखार से कई गुना ज्यादा खतरा होता है. डेंगू में इम्युन काफी वीक हो जाता है और मरीज बेहद कमजोर हो जाता है.
बता दें जनवरी से सितंबर के बीच दिल्ली में डेंगू के 124 मामले सामने आए हैं. 2018 के बाद ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है. इन कुल मामलों में से 72 सिर्फ अगस्त में सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भी डेंगू का कहरबढ़ता जा रहा है.
सामान्य बुखार से किस तरह अलग ?
एक्सपर्ट्स कि मानें तो डेंगू के बुखार और सामान्य बुखार में अंतर करने का एक सबसे अहम लक्षण है- जुकाम. डेंगू होने पर जब बुखार होता है तो बुखार के साथ बदन दर्द भी रहता है. वहीं, सामान्य वायरल या बुखार में फीवर के साथ जुकाम भी होती है. अगर किसी को इस मौसम में बुखार के साथ बदन दर्द है और जुकाम नहीं है तो उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.