निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है यानि ये जानवरों से इंसानों में पहुंचा है. फ्रूट बैट या फ्लाइंग फॉक्स नाम के चमगादड़ की लार से ये वायरस दूसरे जानवरों या इसानों में फैल सकता है. यानि अगर चमगादड़ ने किसी फल को संक्रमित किया है और उसे खाया जाता है तो निपाह फैल सकता है.
क्या है निपाह वायरस के लक्षण ?
संक्रमण के शुरुआती दौर में मरीज को सांस लेने में दिक्कत आती है. निपाह वायरस होने पर लगातार खांसी के साथ बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, गले में खराश, चक्कर और कुछ मामलों में दिमागी बुखार जैसे लक्षण दिख सकते हैं. निपाह वायरस से संक्रमित रोगी 24 से 48 घंटे में कोमा में पहुंचा सकता है. कुछ मरीजों में न्यूरो से जुड़ी दिक्कतें भी होती है. केरल में जान गंवाने वाले बच्चे में 3 सितंबर को एन्सेफलाइटिस और मायोकार्डिटिस के लक्षण भी सामने आए थे. निपाह वायरस का पता लगाने के लिए भी RT-PCR टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है.
निपाह वायरस से कैसे बचें ?
निपाह वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं. कच्चे खजूर का सेवन करने से बचें. फलों को अच्छे से धोकर ही खाएं और बीमार जानवरों के संपर्क में आने से बचें.