बादल फटना, basically एक तकनीकी शब्द है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब एक जगह पर एक साथ अचानक बहुत तेज बारिश हो जाए तब उसे बादल फटना कहते हैं. 'बादल फटना' सबसे तेज़ बारिश के लिए मुहावरा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जिस इलाके में बादल फटता है वहां काफी कम समय में तेज बारिश होती है जिससे बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं. इसे 'क्लाउडबर्स्ट' या 'फ्लैश फ्लड' भी कहा जाता है. आसान भाषा में, जैसे पानी से भरा गुब्बारा अगर फूट जाए तो एक साथ एक जगह तेजी से पानी गिरता है. बस ठीक वैसे ही, पानी से भरे बादल फटने से पानी की बूंदें अचानक बहुत तेजी से गिरने लगती हैं.
कब फटते हैं बादल ?
क्लाउडबर्स्ट तब होता है जब नमी से चलने वाली हवा एक पहाड़ी इलाके तक जाती है, जिससे बादलों का एक वर्टीकल पिलर जैसा बन जाता है. इन्हें‘cumulonimbus’ clouds”नाम से जाना जाता है. इस तरह के बादल आमतौर पर बारिश, गड़गड़ाहट और बिजली गिरने का कारण बनते हैं. जब ये नमी वाले बादल एक जगह पर इक्कठा हो जाते हैं तब बादल फटने की घटना होती है. ऐसा होने पर वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में एक साथ मिल जाती हैं. बूंदों का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि बादल की डेंसिटी बढ़ जाती है और डेंसिटी बढ़ने से अचानक तेज बारिश शुरू हो जाती है.