तकनीक का बढ़ता दायरा अपने साथ फायदा और नुकसान दोनों ला रहा है. इसके नुकसान का एक उदाहरण है डिजिटल ड्रग (Digital Drug). जिस तरह लोग नशे के लिए शराब (Alcohol) , चरस, गांजा और भांग लेते हैं उसी तरह मानसिक सुकून के लिए डिजिटल ड्रग का सहारा लिया जा रहा है. दुनियाभर में युवाओं में डिजिटल ड्रग लेने का ट्रेंड बढ़ रहा है. इसका सीधा असर इंसान के दिमाग (Brain) पर पड़ता है. इसके खतरे को समझने के लिए और इसका समाधान ढूंढने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं. इसके लिए सिर्फ हेडफोन, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है. तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि डिजिटल ड्रग क्या होता है ये कितना खतरनाक है और ये ड्रग कैसे दिमाग पर अपना असर छोड़ता है बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
डिजिटल ड्रग को बाइनॉरल बीट्स के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह अलग-अलग गानों की कैटेगरी होती है उसी तरह है बाइनॉरल बीट्स भी म्यूजिक का एक प्रकार है. यह यूट्यूब समेत कई ऑडियो प्लेटफॉर्म पर भी मौजूद है. बाइनॉरल बीट्स खास तरह का म्यूजिक होता है, जिसका सीधा असर सुनने वालों के दिमाग पर होता है. इस म्यूजिक में अलग-अलग तरह फ्रीक्वेंसी होती है. यही दिमाग पर असर छोड़ती हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है, अलग-अलग फीक्वेंसी वाले बाइनॉरल बीट्स का गहरा असर पड़ता है. इसे लगातार सुनने पर दिमाग कंफ्यूज सा हो जाता है. नतीजा, इंसान उसमें खोने लगता है. इंसान में मन में शांति का अनुभव करने लगता है. धीरे-धीरे उसमें इसका नशा चढ़ने लगता है.
इसके खतरों को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने 30 हजार लोगों पर रिसर्च की. न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, युवा सबसे ज्यादा बाइनॉरल बीट्स को सुनते हैं. रिसर्च कहती है, 30 हजार लोगों में से 5.3% लोग बाइनॉरल बीट्स सुनना पसंद करते थे. इसमें से 60 फीसदी पुरुष थे और जिनकी औसत उम्र 27 साल थी.
ये लोग बाइनॉरल बीट्स को क्यों सुनते हैं, उन्होंने इसके अलग-अलग कारण गिनाए. जैसे- 11.7 फीसदी लोग ऐसे थे जो ड्रग लेते थे और ड्रग का असर बढ़ाने के लिए इसे सुनते थे. कुछ का मानना था कि इसे सुनने से मनमुताबिक सपने दिखाई देते हैं.
रिसर्च के मुताबिक, 50 फीसदी लोग इसे रोजाना एक घंटा सुनते थे. वहीं, 12 फीसदी लोग इसे रोजाना 2 घंटे सुनना पसंद करते थे.
बता दे कि बच्चों पर डिजिटल ड्रग्स के असर को देखते हुए ओक्लाहोमा ब्यूरो ऑफ नार्कोटिक्स ने लोगों को चेतावनी दी थी.. इसके कुछ सालों बाद युवाओं में बाइनॉरल बीट्स की लत बढ़ने के कारण UAE और लेबनान जैसे देशों ने भी इसे बैन करने की मांग की थी..