तो सबसे पहले आपको बताते है
कैसे पड़ा strawberry moon का नाम ?
24 जून को समर सोल्स्टिस के बाद की पहली पूर्णिमा थी. खास बात ये थी कि ये इस साल का आखिरी सुपरमून भी था. दुनियाभर के लोगों ने इस अद्भुत नज़ारे को देखा जब आसमान में चाँद आम दिनों जैसा सफ़ेद नहीं बल्कि थोड़ा थोड़ा strawberry की तरह गुलाबी दिखाई दिया.
वैसे आपको बता दें की स्ट्रॉबेरी मून का उसके रंग से कोई सरोकार नही है. दरअसल, जून महीने में पड़ने वाले फूल मून को स्ट्राबेरी मून इसलिए कहते है क्योंकि उत्तरी अमेरिका में इन दिनों स्ट्रॉबेरी चुनने का मौसम होता है. स्ट्राबेरी मून को नाम उत्तरी अमेरिका के एल्गोनक्विन आदिवासियों ((Algonquin Tribes) ने दिया था. वैसे, स्ट्राबेरी मून स्प्रिंग सीजन की आखिरी पूर्णिमा और समर सीजन की पहली पूर्णिमा का भी प्रतीक है.
नासा के मुताबिक, यूरोपियन लोग इसे हनीमून भी कहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय वहां शहद के छते तैयार हो चुके होते हैं और ये उनमें से शहद निकालने का समय होता है. दुनिया के कुछ और हिस्सों में जहां इस वक़्त गुलाब की फसल लहरा रही होती है वहां इसे रोज मून भी कहा जाता है.